पश्चिम बंगाल सरकार को कोलकाता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने संदेशखाली में भड़के हिंसा की जांच की जिम्मेदारी CBI को दी है. पश्चिम बंगाल पुलिस को कोर्ट ने फटकार लगाई है. CBI महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों और जबरन जमीन कब्जाने से जुड़े मामलों की छानबीन कोर्ट की निगरानी में करेगी.
पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले का संदेशखाली बीते कुछ दिनों से सियासत का अड्डा बना हुआ है. ममता बनर्जी CBI जांच के खिलाफ हैं. वहीं, सत्तारूढ़ केंद्र सरकार का कहना है कि यहां हिंदुओं के साथ अत्याचार किया है, जिस पर ममता बनर्जी सरकार ने आंखें मूंद ली हैं.
हाई कोर्ट में संदेशखाली केस की बीते सप्ताह सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने बाहरी एजेंसियों से जांच कराने की बात कही थी. तृणमूल कांग्रेस का बर्खास्त नेता शेख शाहजहां इस केस का मुख्य आरोपी है. ममता बनर्जी पर उसे बचाने के आरोप लगे हैं.
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणन ने कहा, 'अगर हलफनामा सही है, अगर 1 प्रतिशत भी सच है तो यह बेहद शर्मनाक है.'
भाग रहा था शेख शाहजहां, ऐसे धरा गया
जैसे ही शेख शाहजहां पर आरोप लगे, वह भागने की तैयारी में था. तृणमूल कांग्रेस के नेता उसका बचाव कर रहे थे. कोर्ट ने जब उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को आदेश दिया, तब जाकर उसकी गिरफ्तारी हई. उसे गिरफ्तार करने में करीब 2 महीने लग गए, जबकि उसके खिलाफ रेप से लेकर जमीन हड़पने तक के गंभीर मामले हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी हमेशा दावा करते रहे कि राज्य सरकार शेख को गिरफ्तार इसलिए नहीं कर पा रही है क्योंकि कोर्ट की वजह से हाथ बंधे है. संदेशखाली पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर सियासत की. बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयान दिए.
सियासत का नया मैदान बना है संदेशखाली
लोकसभा चुनावों के बीच संदेशखाली सियासत का नया मैदान बन गया है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार उसे बचा रही है. शेख शाहजहां ने एक महिला के साथ रेप किया, उसने जमीन हड़पी. बीजेपी ने रेखा पात्रा को बशीरहाट संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया. संदेशखाली सियासत की नई जमीन बन गई है.
जनवरी में शेख शाहजहां के समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर ही धावा बोल दिया था. ईडी के अधिकारी रेड डालने जा रहे थे. कई अधिकारी इस छापेमारी के दौरान घायल हो गए. इस केस की जांच अब सीबीआई करेगी.