कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती को रद्द करने का आदेश दिया है. इस मामले में ममता बनर्जी की पार्टी के कई बड़े नेताओं तक भी जांच की आग पहुंची है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. हाई कोर्ट के इस फैसले से लगभग 23 हजार से ज्यादा लोगों की नौकरियां निरस्त हो गई हैं. आरोप है कि इस भर्ती के तहत लोगों को नौकरियां देने से पहले उनसे लाखों रुपये की रिश्वत ली गई.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2016 SSC भर्ती को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है. इसके चलते ग्रुप सी और ग्रुप डी की उन सभी भर्तियों को रद्द कर दिया गया है जिनमें गड़बहड़ियां पाई गई थीं. कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि नए सिरे से भर्तियों के बारे में वह अगले 15 दिनों में फैसला करे. इस केस में सिर्फ एक अपवाद है. कैंसर से पीड़ित सोमा दास को इस मामले में रियायत दी गई है और उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी.
Calcutta High Court declares the entire panel of 2016 SSC recruitment, null and void. All appointments from 9th to 12th and groups C and D where irregularities were found have also been declared null and void.
— ANI (@ANI) April 22, 2024
The court has instructed the administration to take action on fresh… pic.twitter.com/WLCXjsfAlu
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
लंबे समय से इस केस में जांच जारी है. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने भी इस केस की जांच शुरू की है. भर्ती में घोटाले के आरोपी पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, टीएमसी के कई नेता और पदाधिकारियों के साथ-साथ राज्य शिक्षा विफभाग के भी कई अधिकारी जेल जा चुके हैं. ईडी ने पिछले साल दिसंबर महीने में कोलकाता में जगहों पर छापेमारी की थी. जांच के दौरान प्रसन्ना रॉय का नाम भी इसी केस में सामने आया था.
इस केस में हाई कोर्ट तक गए याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि जिन लोगों के नंबर कम थे उनके नाम मेरिट में ऊपर आए. यहां तक कि कुछ ऐसे अभ्यर्थियों को भी नौकरी दे दी गई जिन्होंने TET की परीक्षा पास तक नहीं की जबकि वह पहली शर्त है. ऐसी ही शिकायतें 2016 में राज्य SSC की ग्रुप डी के 13 हजार पदों की भर्ती के मामले में भी गड़बड़ी पाई गई थी.