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55 साल है अपर लिमिट, फिर 59 साल के आदमी को कैसे मिल गई IVF से बाप बनने की अनुमति?

Calcutta High Court: आईवीएफ कराने के लिए तय उम्र सीमा से ज्यादा के होने के बावजूद पश्चिम बंगाल के एक शख्स को IVF के जरिए पिता बनने की अनुमति मिल गई है.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: Social Media

कुछ दिनों पहले दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पैरेंट्स फिर से मां-बाप बने थे. आईवीएफ टेक्नोलॉजी की मदद से बेटे को जन्म देने वाले इस कपल को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनकी उम्र तय सीमा से ज्यादा थी. अब ऐसा ही एक मामले पश्चिम बंगाल से आया है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने 59 साल के शख्स को IVF के जरिए बच्चा पैदा करने की विशेष अनुमति दे दी है. नियमों के मुताबिक, 55 साल से ज्यादा के पुरुष और 50 साल से ज्यादा की महिलाओं को IVF तकनीक से बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं है.

दरअसल , पश्चिम बंगाल के इस बुजुर्ग कपल के इकलौते बेटे ने पिछले साल आत्महत्या कर ली थी. 19 साल के बेटे के छोड़ जाने से अकेले पड़ गए इस कपल ने आईवीएफ के जरिए संतान पाने का ख्वाब देखा. यह कपल पहले एक प्राइवेट क्लीनिक में गया. क्लीनिक ने अपनी जांच में पाया कि 46 साल की महिला मेडिकली फिड हैं और बच्चे को जन्म दे सकती हैं. इस मामले में कानूनी पेच पति की उम्र को लेकर फंस रहा था क्योंकि तब उनकी उम्र 59 साल हो चुकी थी.

कोर्ट में क्या हुआ?

विशेष अनुमति लेने के लिए इस कपल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बता दें कि असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) ऐक्ट के मुताबिक, कोई भी अस्पताल 50 साल से ज्यादा की महिला और 55 साल से ज्यादा के पुरुष के लिए IVF प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता था. कोर्ट ने पूरे मामले को सुना और आखिर में इस कपल के हक में फैसला सुनाया जिससे इनके फिर से संतान पाने का रास्ता साफ हो गया है.

हाई कोर्ट ने कहा कि महिला की उम्र 46 साल है जो कि तय सीमा से कम है, ऐसे में यहां उल्लंघन नहीं हो रहा है. कोर्ट ने माना कि यह कपल आईवीएफ से बच्चा पैदा करने के लिए स्वतंत्र है. जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा कि कानून के मुताबिक, मानव शरीर के बाहर शुक्राणु या अंडाणु को संभालकर गर्भधारण किया जा सकता है. इस तरह से कोर्ट ने विशेष अनुमति दे दी है.