असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर से सीएए का राग अलापा है. सीएम हिमंत ने कहा कि अब तक सिर्फ़ दो लोगों ने आवेदन किया है. कोई भी व्यक्ति (सीएए के अनुसार) जो 2015 से पहले भारत आया है, उसे नागरिकता के लिए आवेदन करने का पहला अधिकार है. अगर वे आवेदन नहीं करते हैं तो हम उनके लिए मामला दर्ज करेंगे.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं. हम 2015 के बाद आए लोगों को निर्वासित करेंगे. अब तक सिर्फ़ दो लोगों ने आवेदन किया है जो 2015 से पहले आए थे. पांच आवेदनों में से तीन सुनवाई में मौजूद नहीं थे और सिर्फ़ दो ने सीएए के लिए आवेदन किया है.
On CAA, Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "Only two people have applied so far. Anybody (according to CAA) who has come to India before 2015, they have the first right to apply for citizenship. If they don't apply we will lodge a case for them. So this is a statuary instruction.… pic.twitter.com/zdJLKCWSxU
— ANI (@ANI) July 15, 2024
केंद्र सरकार द्वारा सीएए नियमों को अधिसूचित करने के एक दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नए लागू कानून के तहत नागरिकता प्रदान की जाती है, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे. शिवसागर में एक कार्यक्रम के दौरान हिमंत ने कहा मैं असम का बेटा हूं और अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है, तो मैं सबसे पहले इस्तीफा दे दूंगा.
हिमंत ने कहा कि सीएए कोई नया कानून नहीं है, इसे पहले भी लागू किया गया था. उन्होंने लोगों से निर्धारित पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने का आग्रह किया और कहा कि इसके विरोध में सड़कों पर उतरने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा पोर्टल पर मौजूद आंकड़े अब बोलेंगे और यह स्पष्ट हो जाएगा कि कानून का विरोध करने वालों के दावे तथ्यात्मक रूप से सही हैं या नहीं.
इस बीच असम पुलिस ने विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है, क्योंकि उन्होंने सीएए के लागू होने के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन बुलाया है. नोटिस में पार्टियों को हड़ताल वापस लेने और राज्य में शांति बनाए रखने में सहयोग करने का आदेश दिया गया है, साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर वे आदेश का पालन करने में विफल रहे तो उनके खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.