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"PM मोदी के पास भय और असुरक्षा का बड़ा बंडल..एकमात्र एजेंडा नेहरूवादी विरासत को नकारना..",जयराम रमेश का बड़ा हमला

Nehru Memorial Museum And Library: जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, बदनाम करना और नष्ट करना है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
"PM मोदी के पास भय और असुरक्षा का बड़ा बंडल..एकमात्र एजेंडा नेहरूवादी विरासत को नकारना..",जयराम रमेश का बड़ा हमला

नई दिल्ली: 15 अगस्त के मौके पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है. अब नेहरू मेमोरियल को पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा. मोदी सरकार के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से भड़क गई है. कांग्रेस नेता इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने का कोशिश बता रहे हैं. वहीं सरकार ने इस फैसले का बचाव करते हुए अपने तर्क दिए हैं. वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी पर नेहरूवादी विरासत को नकारने का गंभीर आरोप लगाया है.

जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि "आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला. विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है. पीएम मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले PM की आती है. उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत और बदनाम करना और नष्ट करना है. उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है. वह पी वास्तव में संकीर्णता और अपमानित करने के लिए है लेकिन वह स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के विशाल योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव के निर्माण में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी छीन नहीं सकते. इन सभी पर अब मोदी और उनके ढोलबाजों द्वारा हमला किया जा रहा है लेकिन लगातार हमले के बावजूद जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे"

1929-30 के दौर में बना तीन मूर्ति हाउस पहले भारत में कमांडर इन चीफ का आधिकारिक निवास था. आजादी के बाद ये तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बना. 1964 में अपने निधन तक नेहरू करीब 16 साल तक यहीं रहे थे. इसके बाद की सरकार ने नेहरू को समर्पित करते हुए इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा. इसके बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन हुआ और NMML सोसायटी की स्थापना हुई. नृपेंद्र मिश्रा पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष हैं. इससे पहले वह प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य सचिव रहे थे. 

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