'निहत्थे राम भक्तों पर चलाई गोलियां..' केशव मौर्य का सपा पे बड़ा हमला
केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी इसी तरह तुष्टीकरण की राजनीति करती रही, तो वह जल्द ही समाप्तवादी पार्टी में बदल जाएगी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री में केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर करारा हमला बोला है. केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी इसी तरह तुष्टीकरण की राजनीति करती रही, तो वह जल्द ही समाप्तवादी पार्टी में बदल जाएगी.
'समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी में होगी तब्दील...'
ज्ञानवापी मस्जिद फैसले को राजनीतिक रंग देने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा "1990 में समाजवादी पार्टी की सरकार में निहत्थे राम भक्तों पर गोली चलाई गई थी. 1993 में इसी तरह की घटना हुई थी. बाबा विश्वनाथ का मंदिर बंद कर दिया गया. अदालत ने अब फैसला दिया है और हम इसका स्वागत करते हैं. 2013 में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तब प्रयागराज कुंभ में भगदड़ में सैकड़ों लोग मारे गए थे. तुष्टिकरण की यह राजनीति समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी में बदल देगी"
व्यास तहखाने में पूजन शुरू
वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है. व्यास तहखाने को खोलने के कोर्ट के आदेश के बाद बाद उसकी साफ-सफाई और शुद्धिकरण कराया गया. उसके बाद आचार्य गणेश्वर द्रविड़ ने कलश स्थापित करने रे बाद मंत्रोच्चार कर गौरी-गणेश की आरती की. उन्हें नैवैद्य, फल अर्पित किए गए और भोग लगाकर आरती उतारी गई. व्यास तहखाने में पूजा के दौरान कमिश्नर कौशल राज शर्मा, डीएम एस. राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन मौजूद रहे. कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में व्यास तहखाने में जरूरी इंतजाम करने को कहा था. जिसके बाद विधिवत पूजन भी शुरू कर दिया और विधिवत पांच समय पूजा का पूरा शेड्यूल भी तैयार कर लिया. काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर 24 घंटे में कुल 5 बार पूजन होगा.
1993 तक तहखाने में पूजा करता रहा है व्यास परिवार
मस्जिद के तहखाने में चार तहखाने हैं जिनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के कब्जे में है जो यहां रहते है. साल 1993 में अधिकारियों ने तहखाने तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी गई थी. इसके बाद शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास ने तहखाना में पूजा फिर से शुरू करने की अनुमति के लेकर याचिका दायर की थी कि वंशानुगत पुजारी के रूप में उन्हें तहखाना में प्रवेश करने और पूजा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए. 17 जनवरी को व्यास का तखाना को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था. सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा करता रहा है. 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर बेसमेंट में नमाज बंद कर दी गई थी.