Budget Session 2025: वोटर लिस्ट पर राहुल गांधी की संसद में हुंकार, मोदी सरकार मानेगी उनकी मांग?
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मतदाता सूची को लेकर देशभर में चिंताएं जताई जा रही हैं. विपक्ष का एकमत मत है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद में विस्तृत चर्चा की जरूरत है.
Parliament Budget Session 2025: संसद के बजट सत्र के दौरान वोटर लिस्ट की पारदर्शिता को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में वोटर लिस्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष सिर्फ यह चाहता है कि इस पर चर्चा की अनुमति दी जाए. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वोटर लिस्ट की पारदर्शिता पर बहस का मौका दिया जाए.
राहुल गांधी ने उठाए वोटर लिस्ट पर सवाल
आपको बता दें कि लोकसभा में चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, ''पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष सिर्फ इतना कह रहा है कि इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.'' विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर जोरदार नारेबाजी की और लोकसभा अध्यक्ष से सदन में खुली बहस की अनुमति देने की मांग की. वहीं राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के विभिन्न हिस्सों में मतदाता सूची में गड़बड़ियां पाई गई हैं और इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, तो वह विपक्ष की मांग मानकर संसद में इस विषय पर खुली चर्चा करवाए.
विपक्षी दलों ने किया विरोध, लोकसभा में हंगामा
बताते चले कि वोटर लिस्ट पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने लोकसभा में जोरदार विरोध दर्ज कराया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी (सपा) और डीएमके सहित कई विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया. विपक्षी सांसदों का कहना था कि यदि वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां पाई जा रही हैं, तो सरकार को इस पर सफाई देनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे.
सरकार की ओर से क्या आया जवाब?
इसके अलावा, सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि देश में चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था है और वह वोटर लिस्ट को लेकर पूरी पारदर्शिता बरतता है. सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ''यह एक तकनीकी विषय है और चुनाव आयोग पहले ही इस मामले को देख रहा है. विपक्ष सिर्फ इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है.''