मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगी. बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा. मोदी के नए कार्य काल के इस बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. खासकर मिडिल क्लास को टैक्स में छूट, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाएं, किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार के अवसर देने की घोषणा हो सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राजस्व वृद्धि और भारतीय रिजर्व बैंक से रिकॉर्ड लाभांश का उपयोग न केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय पर खर्च करने के लिए करेंगी, बल्कि अपने पास उपलब्ध संसाधनों का उपयोग मध्यम वर्ग, महिलाओं और कृषि क्षेत्र जैसे विशिष्ट लक्षित समूहों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी करेंगी.
बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चर, ऑटो, ग्रीन एनर्जी, रियल एस्टेट और एग्रीकल्चर सेक्टर्स के लिए बड़ा बजट जारी किया जा सकता है. रेलवे और रोड एंड ट्रांसपोर्ट के बजट में बढ़ोतरी की जा सकती है. बजट मिडिल क्लास को टैक्स में छूट देने, महिला सशक्तिकरण, किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार पर फोकस रह सकता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 की जा सकती है.
इस बजट में पीएम किसान योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाया जा सकता है. अभी किसानों को सालाना 6000 रुपये मिलते हैं उसे बढ़ाकर 8000 हजार किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि महिलाओं की बेहतरी के लिए सब्सिडी लागू करना और महत्वपूर्ण वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए टैक्स में छूट दिया जा सकता है. सरकार डिफेंस, रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी कई घोषणाएं हो सकती हैं.
पिछले साल जीडीपी के 5.8% के संशोधित अनुमानों के मुकाबले केंद्र ने साल का अंत 5.6% घाटे के साथ किया. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 5.1% का लक्ष्य रखा था और अब तक राजस्व संग्रह से लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है, खासकर इस अनुमान के बीच कि जीडीपी वृद्धि बजट स्तर से अधिक हो सकती है. निर्मला 23 जुलाई को बजट पेश करते ही लगातार सातवीं बार ऐसा करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे. हालांकि मोरारजी ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया.