बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ सहित दो बड़े नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. यह कदम मायावती द्वारा उठाया गया है, जिससे पार्टी में हड़कंप मच गया है.
इस फैसले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और मायावती ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका कारण स्पष्ट किया है.
मायावती ने एक्स पर लिखा, "बीएसपी की ओर से खासकर दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डा. अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद श्री नितिन सिंह, और मेरठ जिले के जिम्मेदार पदाधिकारी को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है." इस बयान से साफ है कि पार्टी के भीतर हो रही गुटबाजी और विरोधी गतिविधियां बसपा प्रमुख के लिए असहनीय हो गई थीं, जिसके कारण उन्होंने यह कड़ा कदम उठाया.
बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
— Mayawati (@Mayawati) February 12, 2025
पिछले कुछ सालों में बसपा के लिए परिस्थितियां बहुत अच्छी नहीं रही हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद, पार्टी सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ राहत मिली, लेकिन 2024 में फिर से बसपा को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जहां एक भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली और अधिकांश की जमानत जब्त हो गई. इस कारण पार्टी में उदासीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियां बढ़ी थीं, जो मायावती को इस निष्कासन निर्णय तक ले आईं.