ब्रिटेन ने गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के देश दौरे के दौरान खालिस्तानी उग्रवादियों द्वारा सुरक्षा चूक की कड़ी निंदा की है. यह घटना बुधवार शाम लंदन में चैथम हाउस के बाहर हुई जहां जयशंकर की सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की गई थी.
शांतिपूर्वक विरोध का अधिकार है लेकिन...
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के प्रवक्ता ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, "ब्रिटेन शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार स्वीकार करता है, लेकिन किसी भी प्रकार से धमकी, भय उत्पन्न करने या सार्वजनिक कार्यक्रमों में विघ्न डालने की कोशिश पूरी तरह से अस्वीकार्य है." प्रवक्ता ने आगे कहा, "मेट्रोपोलिटन पुलिस ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया और हम सभी हमारे कूटनीतिक आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं जैसा कि हमारे अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के तहत है."
Big BREAKING: India summons UK chargé d’affaires after EAM S. Jaishankar’s security Breach in London.
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) March 6, 2025
Official response from MEA Awaited.
Clearly, Britain has become a haven for fugitives from India and anti-India elements. pic.twitter.com/9w8ifLeCek
MEA ने की सुरक्षा चूक की निंदा
यह घटना विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा ब्रिटेन से अपने "कूटनीतिक दायित्वों" का पालन करने की अपील के बाद सामने आई. बुधवार शाम को जयशंकर के चैथम हाउस से बाहर निकलते समय, कुछ प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तानी नारे लगाते हुए अलगाववादी झंडे लहराए और सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की.
यह घटना ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी के साथ जयशंकर की मंगलवार और बुधवार को हुई वार्ता के बाद हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं, विशेष रूप से मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की पुनः शुरुआत, और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की थी.
INSIGHT UK ने घटना बताया शर्मनाक
चैथम हाउस के सामने खड़े प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों ने बाड़ों में कैद कर रखा था, और बाहर भारी पुलिस बल तैनात था. लेकिन एक व्यक्ति ने बाड़ को पार करते हुए मंत्री के काफिले की राह रोकने की कोशिश की.
समुदाय संगठन INSIGHT UK ने इस घटना को "शर्मनाक" बताते हुए कहा, "यह हमला उस समय हुआ जब डॉ. एस जयशंकर ब्रिटेन दौरे पर थे और ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी से द्विपक्षीय संबंधों पर सफल बैठक पूरी कर चुके थे." इस घटना के बाद, ब्रिटेन ने यह स्पष्ट किया कि वह ऐसे सुरक्षा उल्लंघनों को गंभीरता से लेता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.