बंबई उच्च न्यायालय का फैसला: बंबई उच्च न्यायालय ने केनरा बैंक के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी जिसमें उद्योगपति अनिल अंबानी के लोन खाते को धोखाधड़ी के रूप में लोन किया गया था. यह खाता अंबानी की कंपनी ‘रिलायंस कम्युनिकेशंस’ से संबंधित है जो क्लासिफाइ की कार्यवाही का सामना कर रही है.
न्यायालय की लोन का फैसला:
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की लोन ने बैंक के आठ नवंबर, 2024 के आदेश के खिलाफ अंबानी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया. अंबानी ने आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि केनरा बैंक ने उनके लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित करने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना.
उच्च न्यायालय की कार्रवाई:
उच्च न्यायालय ने इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भी जवाब मांगा है. मामले में आगे की सुनवाई के लिए छह मार्च की तारीख तय की गई है. यह मामला अंबानी की कंपनी ‘रिलायंस कम्युनिकेशंस’ के लोन खाते से जुड़ा हुआ है, जो क्लासिफाइ की कार्यवाही का सामना कर रही है.
अंबानी की याचिका:
अंबानी ने अपनी याचिका में कहा है कि केनरा बैंक ने उनके लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित करने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना. उन्होंने कहा है कि यह फैसला उनके खिलाफ अन्यायपूर्ण है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए.