Kunal Kamra: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को एक फैसले में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा से जुड़े मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने साफ किया कि महाराष्ट्र सरकार ने कामरा के उस वीडियो को साझा या अपलोड करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अपमान किया था. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम.एस. कार्णिक की पीठ ने सुनाया.
25 साल के लॉ स्टूडेंट हर्षवर्धन खांडेकर ने यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कुणाल कामरा और उस होटल के खिलाफ राज्य सरकार की कथित कार्रवाई को चुनौती दी गई थी, जहां विवादित वीडियो रिकॉर्ड किया गया था.
याचिकाकर्ता का दावा था कि विचार व्यक्त करने के लिए एक स्टैंड-अप कॉमेडियन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना संविधान के तहत मौलिक अधिकारों का हनन है. हालांकि, अदालत ने इस पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, 'पीड़ित व्यक्ति इस न्यायालय के समक्ष है. वह गरीब या अनपढ़ नहीं है. आप उसका मामला क्यों लड़ रहे हैं? उसने पहले ही राहत मांगी है.'
सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि सरकार ने वीडियो साझा करने वालों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है. इसके उलट, उस स्टूडियो में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जहां शो फिल्माया गया था, और आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया.
अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'इसे देखते हुए, हम इस स्तर पर इस जनहित याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं और इसलिए इसका निपटारा किया जाता है.' साथ ही, याचिकाकर्ता को भविष्य में उचित कदम उठाने की छूट दी गई. कामरा ने पहले ही एफआईआर रद्द करने की मांग में बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मद्रास हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत हासिल की है. उनकी याचिका पर अगली सुनवाई 16 अप्रैल को न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस.एम. मोदक की पीठ के समक्ष होगी.