मणिपुर जातीय हिंसा में मारे गए 64 लोगों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए
मणिपुर में इंफाल की घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच मई में जातीय हिंसा भड़क गई थी.
Manipur Caste Violence: मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के दौरान मारे गए 64 लोगों के शव गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच उनके परिजनों को सौंप दिए गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमिटि ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि हिंसा में कुल 175 लोगों की मौत हुई जिनमें से 169 शवों की पहचान कर ली गई.
60 लोग कुकी समुदाय के
अधिकारियों ने कहा कि ये शव अस्पतालों की मोर्चरी में रखे हुए थे. इन 64 में से 60 लोग कुकी समुदाय से थे जबकि अन्य चार शव मेइती समुदाय के लोगों के थे.
मई में मणिपुर में भड़क उठी थी जातीय हिंसा
बता दें कि मणिपुर में इंफाल की घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच मई में जातीय हिंसा भड़क गई थी.
कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी नामक संगठन ने एक बयान जारी कर कहा कि हिंसा में मारे गए कुकी लोगों का अंतिम संस्कार शुक्रवार को फैजांग के शहीद कब्रिस्तान में किया जाएगा.
संगठन ने अंत्योष्टि क्रिया के लिए शुक्रवार को सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक सदर हिल्स कांगपोकपी के भीतर 12 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया और आम जनता से सहयोग करने की अपील की.
सुप्रीम कोर्ट ने गठित की थी कमिटी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में राहत उपायों, मुआवजे और पुनर्वास के काम पर गौर करने के लिए अगस्त में हाई कोर्ट के तीन पूर्व न्यायाधीशों की एक कमिटी गठित की थी.
न्यायालय ने कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर मणिपुर के मुर्दाघरों में रखे शवों को दफनाने या उनका दाह संस्कार सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि पहचाने गए 169 शवों में से केवल 81 पर परिजनों ने दावा किया था.