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जानें ज्ञानवापी मस्जिद मामले का क्या है पूरा केस, दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने क्यों माना सुनवाई योग्य?

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
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हाइलाइट्स

  • ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष को लगा बड़ा झटका
  • 5 याचिकाओं को इलहाबाद हाईकोर्ट ने किया खारिज

नई दिल्ली: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया है. दायर की गई याचिका में वाराणसी की अदालत के आठ अप्रैल 2021 के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया गया था. 

सिविल वाद को इलहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य माना

वाराणसी कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल सिविल वाद को इलहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है. कोर्ट ने 1991 के मुकदमे के ट्रायल को मंजूरी दी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने वाराणसी की अदालत को 6 महीने में मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष इस फैसलो को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है. यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया है. इलहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज करते हुए हिंदू पक्ष के हक में बड़ा फैसला किया है. इस केस में 8 दिसंबर को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था. 

इलहाबाद हाईकोर्ट ने पांचों याचिकाओं को किया खारिज 

कोर्ट में कुल 5 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी, जिसमें से 2 याचिकाएं सिविल वाद की पोषणीयता और 3 याचिकाएं ASI सर्वे आदेश के खिलाफ थीं. दायर की गई दो याचिकाओं में 1991 में वाराणसी की जिला अदालत में दायर मूल वाद की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी. वहीं तीन याचिकाओं में अदालत परिसर के सर्वे आदेश को चुनौती दी गई थी.अब इलहाबाद हाईकोर्ट ने पांचों याचिकाओं को खारिज कर दिया है.