पुणे पोर्शे कांड में अब दो डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है. दोनों पर चालक के रक्त के नमूने में हेरफेर के आरोप हैं. पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पोर्शे कार दुर्घटना मामले में एक किशोर चालक के रक्त के नमूने में हेरफेर के आरोप में पुणे के ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है.
अमितेश कुमार ने कहा कि पुणे के ससून अस्पताल में फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तवारे और ससून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हरनोर को पोर्श दुर्घटना मामले में रक्त रिपोर्ट में कथित हेरफेर और सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.पुणे पोर्श दुर्घटना मामले की जांच वर्तमान में अपराध शाखा द्वारा की जा रही है. 19 मई की सुबह कथित तौर पर नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्शे की चपेट में आने से दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई.
नाबालिग को सबसे पहले सुबह 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून हॉस्पिटल ले जाया गया था. इस दौरान उसके ब्लड सैंपल को एक शख्स के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था. पहले ब्लड सैंपल लेने के बाद जांच रिपोर्ट में शराब की पुष्टि नहीं हुई थी. इससे संदेह पैदा हुआ. इसके बाद दोबारा ब्लड रिपोर्ट आने पर शराब की पुष्टि हुई थी.
पुलिस का दावा है कि हादसे के वक्त किशोर नशे में था. किशोर को शुरू में जुवलाइन कार्ट ने जमानत दे दी थी, जिसने उसे सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखने के लिए भी कहा था, लेकिन पुलिस द्वारा नरम व्यवहार और समीक्षा आवेदन पर नाराजगी के बाद, उसे 5 जून तक एक सुधार गृह में भेज दिया गया था. पुलिस ने दुर्घटना के सिलसिले में किशोर के पिता, जो बिल्डर हैं, और उसके दादा को गिरफ्तार कर लिया है.
इस मामले में लापरवाही के लिए दो पुलिसवालों पर भी गाज गिरी है. दोनों पुलिस वाले सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे. लेकिन दोनों ने इसकी जानकारी पुलिस हेडक्वार्टर में नहीं दी थी.