Delhi Assembly Polls: दिल्ली में विधानसभा चुनाव हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में हो रहा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. पिछले दो चुनावों से भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में सत्ता की लड़ाई लड़ रही है. लेकिन दोनों चुनावों में विफल रही है.
दिल्ली में 70 सीटों पर आज मतदान हो रहा है. जिसमें 15 मिलियन से अधिक मतदाता स्थानीय विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार का चुनाव करेंगे. पिछले कई दशकों से दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला होता आ रहा है. देश की राजधानी में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी 2015 से लगातार सत्ता में है. इसे राजधानी क्षेत्र में शिक्षा और चिकित्सा सेवा में सुधार का श्रेय दिया जाता है. हालांकि इस बार चुनाव में आप को भारतीय जनता पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है. जो पिछले सप्ताह देश के वार्षिक बजट में करों में रिकॉर्ड कटौती करने के बाद मध्यम वर्ग के बीच लोकप्रियता की लहर पर सवार है.
बजट के बाद बीजेपी जनता के बीच और चर्चे में हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख तक नौ टैक्स का ऐलान कर के चुनाव को एक नया मोड़ दिया है. इस चुनाव में मुख्य रूप से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टक्कर देखने को मिल रही है. दोनों पार्टियां चुनाव जीतने में मदद के लिए नकद अनुदान, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, और अन्य मुफ्त सुविधाओं पर दांव लगा रही हैं.
पिछले एक दशक से आम आदमी पार्टी ने कल्याणकारी उपायों को अपने प्रशासन का केंद्र बिंदु बनाया है. जिससे अत्यधिक धन असमानता वाले शहर में निम्न-आय वर्ग का समर्थन हासिल हुआ है. हालांकि, भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले आप के नेता अरविंद केजरीवाल पर पिछले कुछ सालों में कई आरोप लगे हैं. जिससे पार्टी की शासन करने की क्षमता प्रभावित हो रही है.
दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के प्रोफेसर संजय कुमार का कहना है कि बीजेपी को फायदा हुआ है, जबकि आप की छवि को नुकसान पहुंचा है. मोदी सरकार द्वारा शनिवार को कर में राहत दिए जाने से उनकी पार्टी को राजधानी क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने में मदद मिल सकती है. दिल्ली में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि पूरा मध्यम वर्ग कह रहा है कि भारत के इतिहास में यह सबसे मध्यम वर्ग के अनुकूल बजट है. अब आने वाले तीन दिनों में यह साफ हो जाएगा कि बजट का असर चुनाव पर हुआ है या फिर दिल्ली वाले आप सरकार से खुश हैं.