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Electoral Bonds: सुन्नी डैम का मिला था ठेका, तुरंत बाद BJP सांसद की कंपनी ने खरीदे 45 करोड़ के बॉन्ड? कौन हैं CM सुरेश

Electoral Bonds: इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड संबंधी डेजा के रिलीज होने के बाद एक-एक कर कई कहानियां सामने आ रहीं हैं. इनमें से एक कहानी ये कि हिमाचल में सुन्नी डैम बनाने का ठेका मिलने के तुरंत बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद सीएम रमेश की कंपनी ने 45 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे.

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Edited By: India Daily Live
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Electoral Bonds: आंध्र प्रदेश से BJP के राज्यसभा सांसद CM रमेश की कंपनी (ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड) ने भी 2023 में 45 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद की कंपनी को हिमाचल प्रदेश में 'सुन्नी जलविद्युत परियोजना' के लिए 1098 करोड़ रुपये का ठेका मिला था. इस ठेके के मिलने के कुछ हफ्ते बाद भाजपा के सांसद की कंपनी ने 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे. ये खरीदारी त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले की गई थी. दो महीने बाद कंपनी ने फिर से 40 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.

ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (RPPL) को 14 जनवरी, 2023 को EPC कॉन्ट्रैक्ट से सम्मानित किया गया था. इसके कुछ ही दिनों बाद कंपनी को एक अन्य प्रोजेक्ट मिला, जिसका नाम तपोवन विष्णुगाड हाइड्रो-इलेक्ट्रिक था. ये प्रोजेक्ट उत्तराखंड में चल रही थी. RPPL जोशीमठ में काम में जुटी थी. इसी दौरान सड़कों और घरों में दरार की शिकायतें आईं. शहर के लोगों और कुछ स्पेशलिस्ट्स ने दरारों के लिए कई अन्य कारणों समेत यहां के संवेदनशील स्थल पर भूमिगत सुरंग बना रहे प्रोजेक्ट को जिम्मेदार बताया. 

इस खबर के नेशनल मीडिया में आने, हिमाचल में सुन्नी डैम के कॉन्ट्रैक्ट मिलने के 2 सप्ताह से भी कम समय के बाद RPPL ने 27 जनवरी, 2023 को 1-1 करोड़ के 5 इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. ऋत्विक प्रोजेक्ट्स ने 11 अप्रैल, 2023 को 40 करोड़ रुपये का एक और इलेक्टोरल बॉन्ड ठीक कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले खरीदा. 

सुन्नी डैम प्रोजेक्ट की मंजूरी के 10 दिन बाद ही मिला कॉन्ट्रैक्ट

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 4 जनवरी, 2023 को 2,614 करोड़ रुपये की सुन्नी डैम जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी थी और 10 दिन बाद ही ऋत्विक प्रोजेक्ट्स को इसका कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया. 

RPPL खुद को लिडिंग कंस्ट्रक्शन एंड इफ्राक्स्टचर डेवलमेंट कंपनी बताता है. कंपनी के मुताबिक, इसने अब तक पूरे देश में हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स, कंक्रीट डैम्स, स्पिलवे, सोलर प्रोजेक्ट्स, सुरंगों, सिंचाई नहरों, पुलों, नेशनल हाइवे और रेशिडेंशियल कॉलोनियों का निर्माण किया है. 

सुन्नी डैम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

सुन्नी डैम का निर्माण हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिलों में फैली सतलज नदी पर किया जा रहा है. प्रभावित गांवों के स्थानीय लोग कम भूमि मुआवजा, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 के गैर-कार्यान्वयन, परियोजना स्थल से मलबा निर्धारित 900 मीटर के दायरे से बहुत अधिक गिरने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा, स्थानीय लोगों के लिए साइट पर जॉब्स की भी मांग की जा रही है.

कौन हैं भाजपा के राज्यसभा सांसद सीएम रमेश?

सीएम रमेश दूसरी बार भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं. आगामी विधानसभा और संसदीय चुनावों के लिए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), जन सेना पार्टी (जेएसपी) और भाजपा गठबंधन की घोषणा के बाद, उन्होंने विशाखापत्तनम से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी आलाकमान की मंजूरी मांगी है. 

इससे पहले, रमेश 2019 तक टीडीपी से जुड़े थे. 2014 और 2018 के बीच तेलंगाना से पार्टी के राज्यसभा सांसद थे. रमेश आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के करीबी सहयोगी थे. आंध्र प्रदेश में रमेश की कंपनी को कई प्रमुख सिंचाई और निर्माण परियोजनाएं मिली हैं. उनके बेटे ऋत्विक रमेश कंपनी के बोर्ड के सदस्य के रूप में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ RPPL में प्रेसिडेंट ऑपरेशन हैं.

टीडीपी में रहते हुए भी विवादों से था नाता

टीडीपी के सदस्य रहते हुए रमेश विवादों से अछूते नहीं रहे. 2009 में, आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की पत्नी वाईएस विजयलक्ष्मी ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की कि कैसे एक सरकारी सब कॉन्ट्रैक्टर, जिसकी कंपनी का रेवेन्यू 2003 में 61 करोड़ रुपये था, 2009 में बढ़कर 488 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, कोर्ट ने याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया था.

अक्टूबर 2018 में, जब रमेश टीडीपी सांसद थे, इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ED ने 100 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए कडप्पा में उनके घर और हैदराबाद में RPPL के ऑफिस कैंप में छापेमारी की थी. महीनों बाद, जून 2019 में रमेश भाजपा में शामिल हो गए.