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India Daily

सीएम की कुर्सी से किनारे किए जाने के बाद भी वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह नहीं हुए बागी, जानें क्या है वजह

BJP Politics: तीनों राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरे को सीएम बनाया. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह को तो वहीं राजस्थान में वसुंधरा राजे को किनारे कर दिया गया. सीएम नहीं बनाए जाने के बाद भी वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान बागी नहीं हुए इसको लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. आईए जानते हैं इन नेताओं के बागी न होने का कारण.

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Edited By: Purushottam Kumar
Vasundhara Shivraj

हाइलाइट्स

  • बीजेपी ने शिवराज और राजे को सीएम की कुर्सी से किया किनारे
  • सीएम नहीं बनाए जाने के बाद भी दोनों ने पार्टी से नहीं की बगावत

BJP Politics: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने तीनों राज्यों के बड़े नेताओं को किनारे कर दिया है. तीनों ही राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को तो वहीं राजस्थान में वसुंधरा राजे को बीजेपी ने सीएम की कुर्सी से दूर कर दिया है.

इन दोनों नेताओं को पार्टी आने वाले समय में क्या जिम्मेदारी देगी इस बात को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है. वहीं, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने बता दिया गया कि उनकी राजनीति अब यहीं तक थी.

कांग्रेस में ऐसा होता तो....

बीजेपी ने सीएम की कुर्सी ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह को तो वहीं राजस्थान में वसुंधरा राजे को किनारे कर दिया है. इन दोनों नेताओं को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद भी दोनों ने पार्टी ने बगावत नहीं की जिसे लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. राजनीति को करीब से जानने वालों का कहना है कि कांग्रेस में अगर ऐसा होता कि स्थापित नेताओं को छोड़कर किसी अन्य को सीएम बना दिया जाए तो पार्टी अब तक टूट चुकी होती.

दरअसल, पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी  ने कुछ ऐसा ही किया था. इन दोनों ने कांग्रेस से अलग होकर पार्टी को तोड़कर एक नई पार्टी बनाई और अब अपने राज्य के सीएम बने है.

'बीजेपी से बगावत का कोई फायदा नहीं'

बीजेपी के नेताओं को इस बात का अंदाजा है कि पार्टी से बगावत करने का कोई फायदा नहीं है. दरअसल, बीजेपी के कई ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने बीजेपी से बगावत की लेकिन फिर उन्हें बीजेपी में वापस आना पड़ा या राजनीति से संन्यास लेना पड़ा.

शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे से लेकर रमन सिंह तक को पता है कि बीजेपी से बगावत करने वालों को हासिल कुछ भी नहीं होता है. इन नेताओं को यह भी पता है कि बीजेपी के साथ बने रहने पर सांसद बनने से लेकर मंत्री, राज्यपाल बनने का अवसर उनके पास हमेशा रहेगा.