दिल्ली में BJP का 2 डिप्टी CM बनाने का प्लान, क्या है इसकी रणनीति?
दिल्ली में सरकार के गठन के दौरान मध्य प्रदेश और राजस्थान की तर्ज पर दो उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की संभावना है. यह कदम पार्टी द्वारा देश की राजधानी को विविधता का प्रतीक बनाने के लिए उठाया जा सकता है, जिसमें सभी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को संतुलित करने की योजना है.
Delhi Elections: विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बड़ी जीत के बाद पार्टी के भीतर सरकार गठन को लेकर मंथन जारी है. भाजपा दिल्ली में मध्य प्रदेश और राजस्थान की तर्ज पर दो डिप्टी सीएम बनाने पर विचार कर रही है. यह रणनीति दिल्ली को "मिनी इंडिया" के रूप में पेश करने की दिशा में उठाया गया एक कदम हो सकता है, जिससे पार्टी सभी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को संतुलित कर सके.
दिल्ली में 2 डिप्टी सीएम का प्रयोग
आपको बता दें कि BJP का यह प्लान दिल्ली के लिए विशेष रूप से अहम है क्योंकि पार्टी राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर कड़ी मेहनत कर रही है. पार्टी इस प्रयोग के जरिए दिल्ली में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की योजना पर काम कर रही है. बीजेपी नेताओं ने यह भी संकेत दिया कि इस तरह के कदम पहले कई राज्यों में सफल रहे हैं, जैसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में, जहां दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे.
पार्टी का उद्देश्य - ''मिनी इंडिया'' बनाना
बता दें कि दिल्ली में दो डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव पार्टी की तरफ से दिल्ली को 'मिनी भारत' के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य से उठाया गया है. इसका मतलब है कि विभिन्न समुदायों और जातियों के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना ताकि दिल्ली की सामाजिक और राजनीतिक विविधता को सही तरीके से दिखाया जा सके. इस पर पार्टी के सीनियर नेताओं के बीच रायशुमारी चल रही है, और इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.
सरकार गठन का अगला कदम
वहीं बीजेपी नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद दिल्ली में सरकार गठन की प्रक्रिया में तेजी आएगी. इसके बाद पार्टी विधायक दल की बैठक में सदन के नेता और मुख्यमंत्री के नामों पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री कौन होंगे.
मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन-कौन हैं?
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची में कई नाम सामने आ रहे हैं. इनमें प्रवेश वर्मा का नाम प्रमुख है, जिन्होंने नयी दिल्ली सीट से आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया था. इसके अलावा, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, मनजिंदर सिंह सिरसा, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे वरिष्ठ नेता भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हैं. कुछ नवनिर्वाचित विधायकों जैसे करनैल सिंह और राज कुमार भाटिया के नाम भी मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों के रूप में लिए जा रहे हैं.
बहरहाल, दिल्ली में बीजेपी की आगामी सरकार को लेकर तमाम सवालों के बीच पार्टी नेतृत्व ने अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन दो डिप्टी सीएम बनाने की संभावना से पार्टी की रणनीति और भी स्पष्ट हो रही है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के लौटने के बाद दिल्ली सरकार का गठन और मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की जाएगी.