लोकसभा चुनाव से पहले BJP का CAA दांव विरोधियों पर पड़ेगा भारी!, पूरे देश में दिखेगा असर
Citizenship Amendment Act: CAA के लागू होने का असर पूरे देश में दिखेगा मगर ये मुद्दा असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में गरमाने वाला है.
Politics Over Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी मिजाज सेट करने की कवायद शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने इसे लेकर प्लान भी तैयार कर लिया है. माना जा रहा है कि 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से देश में हिंदुत्व की लहर नजर आएगी जिसके बाद दूसरा दांव CAA का होगा. खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार जल्दी ही करीब 4 साल पहले संसद में पारित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने वाली है. चुनाव की घोषणा के पहले केंद्र सरकार इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर देगी.
CAA के विरोध में आंदलोन
गौरतलब है कि, नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में 100 दिन का लंबा आंदोलन चला था. असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में भी आंदोलन हुए थे. बताया जा रहा है कि CAA लागू होने के बाद देश में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन को भारत की नागरिकता आसानी से मिल जाएगी.
दिलचस्प होगा लोकसभा चुनाव
बदलते सियासी समीकरणों को देखते हुए कहा जा सकता है कि 2024 का लोकसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है. बीजेपी के सामने 28 विपक्षी दलों का गठबंधन जातीय जनगणना, ओबीसी रिजर्वेशन, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. ऐसे में बीजेपी ने भी विपक्ष को पटखनी देने के लिए अपने तरकश से तीर निकाल लिए हैं. बीजेपी हिदुत्व के साथ मैदान में उतरेगी. विपक्षियों पर राम मंदिर, CAA और समान नागरिक संहिता के बाणों से हमला करेगी.
बीजेपी को हो सकता है लाभ
बात CAA की करें तो इसके लागू होने का असर पूरे देश में दिखेगा मगर ये मुद्दा असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में गरमाने वाला है. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल के आए मुसलमानों की तादाद ज्यादा है, जिसे बीजेपी दशकों से घुसपैठिया कहती रही है. उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी 4 करोड़ के लगभग है लेकिन कानून से ज्यादातर अल्पसंख्यकों का लेना-देना नहीं है. अब अगर ऐसे में CAA का विरोध शुरू होता है तो राम मंदिर के साथ ये मुद्दा भी बीजेपी को चुनावी लाभ दिला सकता है.