BJP President: भारतीय जनता पार्टी जिसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भी कहा जाता है इसकी कमान अभी जय प्रकाश नड्डा के हाथों में हैं. हालांकि कुछ दिनों बाद ये कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के किसी और होनहार नेता के हाथों में सौपेंगे, क्योंकि नड्डा अपने पद से मार्च में ही रिटायर होने वाले हैं.
बिहार की धरती पर जन्म लेने वाले जेपी नड्डा मूल रूप से हिमाचलवासी हो गए हैं. एबीवीपी के माध्यम से राजनीति में एंट्री लेने वाले धाकड़े नेता नड्डा ने बीजेपी के कई पदों को संभाला है. जिनमें से अध्यक्ष पद सबसे महत्वपूर्ण है. जनवरी 2020 में भारतीय जनता पार्टी ने जेपी नड्डा को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना था, जिनका कार्यकाल अब खत्म होने वाला है.
जेपी नड्डा के कार्यकाल खत्म होने के साथ बीजेपी पर अब अध्यक्ष चुनने की बड़ी जिम्मेदारी आई है. जिसके लिए कई नाम पर चर्चा जारी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक RSS ने इसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सौंपा है. उनके फैसले को आखिरी फैसला माना जाएगा. हालांकि उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी पार्टी किसी ब्राह्मण चेहरे के हाथों में जिम्मेदारी सौंप सकती है. क्योंकि टॉप लीडरशिप में ओबीसी समुदाय की दावेदारी है. अध्यक्ष पद की रेस में अभी कुल 7 नाम सामने आ रहे हैं. जिसमें 5 पुरुष और 2 महिलाओं का नाम सामने आया है. हालांकि बीजेपी के फैसले हमेशा चौंकाने वाले रहें हैं. इन सात नामों के अलावा कोई आठवां नाम भी सामने आ सकता है.
मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बार बीजेपी दक्षिण भारत से किसी बड़े नेता को इस महत्वपूर्ण पद पर मौका दे सकती है. जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, महिला बीजेपी की अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन, आंध्र बीजेपी अध्यक्ष पुरंदेश्वरी का भी नाम शामिल है. हालांकि पार्टी किसी और को भी मौका दे सकती है, लेकिन इन नामों पर चर्चा तेज है. इससे पहले बीजेपी ने अटल बिहारी बाजपेयी के समय में दक्षिण से तीन अध्यक्ष बनाए थे. जिसमें तेलंगाना के बंगारू लक्ष्मण, तमिलनाडु के जना कृष्णमूर्ति और आंध्र के वेंकैया नायडू का नाम शामिल है.
अब एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी दक्षिण में विस्तार करने की कोशिश में जुटी है. हालांकि जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी को कई बंपर जीत मिली है. जिसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली और अन्य विधानसभा चुनाव समेत लोकसभा चुनाव भी शामिल है. अब किसी धुरंधर को ढूंढना होगा जिसे दक्षिण के साथ-साथ बिहार, झारखंड और यूपी की राजनीति के बारे में भी सब पता हो. कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा की पीएम मोदी ने किस पर अपना भरोसा जताया है.