BJP Mission Assembly Election: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदर्शन की समीक्षा शुरू कर दी है. इसके साथ ही भाजपा इस साल के अंत और अगले साल के शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक्टिव हो गई है. भाजपा इन चुनावों में लोकसभा में हुए घाटे को रिकवर कर वोट बढ़ाना चाहती है. इसी कारण सोमवार को शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों और अनुभवी वरिष्ठ नेताओं चुनावी राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के साथ ही जम्मू कश्मीर में का प्रभारी नियुक्त किया गया है.
महाराष्ट्र - मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव महाराष्ट्र के प्रभारी होंगे. इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव सह-प्रभारी होंगे.
हरियाणा- ओडिशा के चुनावों में असर को देखते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा के प्रभारी बनाया गया है. वहीं त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब को सह-प्रभारी बनाया गया है.
झारखंड- केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान झारखंड में पार्टी को बढ़ाने के लिए प्रभारी बने हैं. वहीं असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा शिवराज की सहायता करेंगे.
जम्मू-कश्मीर- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सितंबर तक चुनाव जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने हैं. ऐसे में भाजपा ने यहां केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को प्रभारी नियुक्त किया है.
महाराष्ट्र में नियुक्ति के मायने
तीनों राज्यों में से महाराष्ट्र सबसे महत्वपूर्ण है. यादव और वैष्णव दोनों को सभी कैडरों के बीच सामंजस्य सुनिश्चित करना होगा. तब कही जाकर संघ परिवार के स्वयंसेवक और भाजपा और महायुति सहयोगी साथ में चुनाव लड़ पाएंगे.
लोकसभा चुनावों में BJP की यहां 23 से घटकर 9 सीटें रह गई हैं. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7 सीटें मिली हैं. जबकि, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 1 में जीत मिली है. NDA ने यहां कुल 17 सीट हासिल की है. जबकि, उसके कब्जे वाले 26 सीटें उसने खो दी.
हरियाणा में नियुक्ति के मायने
हरियाणा में भाजपा नेताओं ने माना कि राज्य में चुनाव प्रबंधन गड़बड़ा गया. इस कारण लोकसभा में नुकसान हुआ है. ऐसे में धर्मेंद प्रधान का अनुभव काम आएगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में चुनाव प्रभारी की भूमिका निभाई है. वहीं त्रिपुरा के पूर्व सीएम को नेताओं को एकजुट करने और पार्टी के समर्थन आधार को मजबूत करने का अनुभव है. ये जहां तैनात हुए पार्टी को जीत मिली है.
झारखंड में नियुक्ति के मायने
मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय मंच पर आए शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को झारखंड की जिम्मेदारी बताती है कि भाजपा आदिवासी वोटों को पकड़ना चाह रही है. दोनों नेताओं के राज्यों में आदिवासियों की अच्छी आबादी है. ऐसे में संभव है कि यहां भाजपा का आधार और मजबूत हो.