Jaiveer Shergill Slammed Kangana Ranaut: एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत 'तीन कृषि कानूनों' पर अपनी टिप्पणी को लेकर अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रही हैं. मंडी से सांसद ने सुझाव दिया था कि तीनों कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए, लेकिन भाजपा की ओर से उनकी टिप्पणी से खुद को अलग करने के बाद उन्होंने माफ़ी मांग ली थी. बाद में कंगना रनौत ने कहा कि वे उनके निजी विचार थे, पार्टी के नहीं. हालांकि, इस माफ़ीनामे से पंजाब में भाजपा की छवि को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो पाई. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि किसी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब के साथ संबंधों को इस तरह की निराधार और अतार्किक टिप्पणियों के ज़रिए नहीं आंकना चाहिए.
जयवीर शेरगिल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि मैं कंगना रनौत की टिप्पणियों से खुद को दूर करने के लिए भाजपा का आभारी हूं. लेकिन एक पंजाबी के रूप में, मुझे यह कहना होगा कि कंगना रनौत के लगातार शेखी बघारने, सिख समुदाय और पंजाब के किसानों के खिलाफ बेकार, निराधार और अतार्किक बयान सभी अच्छे कामों, कल्याणकारी, विकासोन्मुखी कार्यों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जो पीएम मोदी ने पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के कल्याण के लिए किए हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पंजाब, पंजाब के किसान और पंजाबियत के साथ प्रधानमंत्री मोदी का रिश्ता अटूट और अडिग है और इस रिश्ते को एक सांसद कंगना रनौत द्वारा की जा रही गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
As a Punjabi, must say that Ms Kangana Ranaut’s consistent, baseless, illogical rant against the Farmers of Punjab & Sikh Community has a damaging impact on all the good work done/being done by PM @narendramodi Ji for the welfare of Punjab, Punjabi & Punjabiyat.
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) September 25, 2024
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भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एकर दिन पहले कहा था कि रनौत की टिप्पणी उनके व्यक्तिगत बयान थे जो कृषि बिलों पर भाजपा के रुख को नहीं दर्शाते हैं. भाटिया ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर, भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र की ओर से वापस लिए गए कृषि बिलों पर बयान वायरल हो रहा है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है.
इस साल की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश के मंडी निर्वाचन क्षेत्र से संसद के लिए चुनी गईं रनौत ने कहा था कि सरकार द्वारा रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों की किसानों को खुद मांग करनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीनों कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए.
पार्टी की ओऱ से ये बताए जाने पर कि वह इस तरह की टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं, कंगना रनौत ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली और एक वीडियो बयान में कहा कि वे सुनिश्चित करेंगी कि उनके विचार पार्टी के विचारों के अनुरूप हों. उन्होंने कहा कि मुझे यह ध्यान रखना होगा कि मैं सिर्फ़ एक कलाकार नहीं हूं, बल्कि एक भाजपा कार्यकर्ता भी हूं. मेरी राय व्यक्तिगत नहीं होनी चाहिए और पार्टी का रुख़ होना चाहिए. अगर मेरी टिप्पणियों से किसी को निराशा हुई है, तो मैं खेद व्यक्त करती हूं और अपने शब्द वापस लेती हूं.
भाजपा ने पिछले महीने भी एक बार रनौत को फटकार लगाई थी. उस दौरान कंगना रनौत ने कहा था कि अगर केंद्र ने कड़े कदम नहीं उठाए होते तो किसानों के विरोध के दौरान भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी. कंगना रनौत अपनी लेटेस्ट फिल्म इमरजेंसी को लेकर भी विवादों में घिरी हुई हैं, जो सेंसर प्रमाण पत्र के लिए संघर्ष कर रही है, क्योंकि उन पर कई आरोप लगे हैं कि उन्होंने फिल्म में सिखों की छवि खराब करने की कोशिश की है और समुदाय के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं.