सुनील सांगवान के जेलर रहते राम रहीम को बार-बार मिली पैरोल और फरलो, अब BJP ने दे दिया विधानसभा चुनाव का टिकट

Haryana Assembly Elections: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में राम रहीम का नाम हर बार चर्चा में रहता है. कभी उसका डेरा पर्दे के पीछे से किसी को समर्थन करता है तो कभी नेता उसके करीबियों से मुलाकात करते हैं. इस बार एक पूर्व जेलर को टिकट मिला है, जिनकी जेल में राम रहीम बंद हुआ करता था.

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बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी राम रहीम हरियाणा की जेल में बंद है. पिछले कुछ साल में ही उसे दर्जनों पर पैरोल और फरलो मिल चुकी है. इसे लेकर खूब विवाद हुआ जिसके चलते कोर्ट को भी दखल देना पड़ा. अब हरियाणा में जारी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवारों की लिस्ट आने पर एक उम्मीदवार का नाम राम रहीम से जुड़ने लगा है. बीजेपी ने पार्टी में 3-4 दिन पहले ही शामिल हुए सुनील सांगवान को टिकट दिया है. सुनील सांगवान लंबे समय तक उसी जेल के जेलर रहे हैं जिसमें राम रहीम बंद था. इतना ही नहीं, उनके ही कार्यकाल में राम रहीम को पैरोल और फरलो मिलती रही. ऐसे में अब सुनील सांगवान की उम्मीदवारी को राम रहीम और उसके राजनीतिक प्रभाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट को चरखी दादरी से टिकट दिया था. हालांकि, वह चुनाव नहीं जीत पाईं. बीजेपी ने अपने सिटिंग विधायक सोमवीर सांगवान का टिकट काटकर बबीता को उतारा था लेकिन सोमवीर ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल कर ली थी. तब सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे. ऐसे में सुनील सांगवान को टिकट दिया जाना राजनीतिक रूप से तो काफी रोचक माना जा रहा है.

कौन हैं सुनील सांगवान?

हरियाणा पुलिस में नौकरी करने वाले सुनील सांगवान ने हाल ही में वीआरएस लिया और चार दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. साल 2002 में हरियाणा के जेल विभाग को ज्वाइन करने वाले सुनील अपने करियर में कई जेलों के जेलर रहे. इसमें वह सुनारिया जेल भी शामिल है जिसमें राम रहीम लंबे समय से बंद है. सुनील सांगवाल रोहतक की इस जेल में 5 साल तक जेलर रहे. हाल ही में 12 अगस्त को भी राम रहीम 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था और अब वह जेल लौट चुका है.

बता दें कि राम रहीम को कुल 10 बार फरलो या पैरोल मिली है. इसमें से 6 बार तो उसे यह रियायत सुनील सांगवान के जेलर रहते ही मिली. दरअसल, हरियाणा सदाचारी बंदी अधिनियम के तहत जेलर को अधिकार होता है कि वह किसी कैदी को पैरोल या फरलो देने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से सिफारिश कर सके. इसी के तहत सुनील सांगवान ने राम रहीम के लिए 6 बार सिफारिश की और हर बार उसे पैरोल या फरलो मिल भी गई. वीआरएस लेने से ठीक पहले तक सुनील सांगवान गुरुग्राम की भोंडसी जेल के जेलर थे. उन्होंने 1 सितंबर को वीआरएस का आवेदन दिया और तत्काल ही उनकी अपील स्वीकार करके सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया.