Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को भाजपा शासित केंद्र सरकार पर परिसीमन प्रक्रिया को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया 'बिना किसी परामर्श के अचानक शुरू की गई' है. इसका उद्देश्य संवैधानिक सिद्धांतों के बजाय 'संकीर्ण राजनीतिक हितों' को साधना है.
केराक के मुख्यमंत्री विजयन ने यह बयान परिसीमन के मुद्दे पर गठित पहली संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक में दिया है. इस बैठक का आयोजन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने किया था. इस दौरान विजयन के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार और वरिष्ठ बीआरएस नेता के. टी. रामाराव भी मौजूद थे.
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu: At the meeting on delimitation, Kerala CM Pinarayi Vijayan says. If our Parliamentary representation is further reduced, while our share of the nation's wealth continues to decline, we will face an unprecedented situation in which both our rightful… pic.twitter.com/UVW0HMxrst
— ANI (@ANI) March 22, 2025
'परिसीमन का प्रस्ताव डैमोकल्स की तलवार की तरह लटक रहा है'
PTI के मुताबिक, विजयन ने कहा, 'लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का प्रस्ताव हमारे सिर पर डैमोकल्स की तलवार की तरह लटक रहा है. विभिन्न रिपोर्टों से संकेत मिलते हैं कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बिना किसी परामर्श के इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'यह अचानक उठाया गया कदम किसी संवैधानिक सिद्धांत या लोकतांत्रिक अनिवार्यता से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसके पीछे संकीर्ण राजनीतिक हित छिपे हैं.'
दक्षिणी राज्यों को होगा नुकसान: विजयन
विजयन ने जोर देकर कहा कि यदि परिसीमन पूरी तरह से जनसंख्या के आधार पर किया गया तो इससे केरल और अन्य दक्षिणी राज्यों को नुकसान उठाना पड़ेगा. ANI के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'यदि जनगणना के बाद परिसीमन प्रक्रिया शुरू होती है, तो इससे उत्तरी राज्यों की सीटों की संख्या में बड़ा इजाफा होगा, जबकि दक्षिणी राज्यों की संसदीय सीटों की संख्या में भारी गिरावट आएगी.'