Delhi Liquor Policy Case Politics: दिल्ली शराब नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पूछताछ करेगी. बुधवार को ईडी ने संजय सिंह को गिरफ्तार किया था. इसके बाद गुरुवार को उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 10 अक्टूबर तक रिमांड पर भेज दिया. संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी आम आदमी पार्टी पर हमलावर है. बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है.
संजय सिंह की गिरफ्तारी को लेकर सुधांशु त्रिवेदी कहा, ''कोर्ट का कहना है कि जिस तरह के सबूत आए हैं, उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ करना जरूरी है...जो आम आदमी पार्टी मूल्यों की राजनीति स्थापित करने का दावा करके सत्ता में आई थी ऐसा प्रतीत होता है कि वो मूल्यहीन पार्टी बन गई है...दिल्ली की जनता आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है."
#WATCH | BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "...The court is saying that with the kind of evidence that has come, it is necessary to keep them in custody and do an inquiry...The AAP, which had come into power claiming to establish a politics of values, appears to have become a… pic.twitter.com/xEx9VuFrq3
— ANI (@ANI) October 6, 2023
सुधांशु त्रिवेदी कहा ये भी कहा, ''हमारा मानना है कि ये प्रयोगात्मक राजनीति का समय नहीं है...प्रयोगात्मक राजनीति के परिणाम देश के लिए खतरनाक हो सकते हैं. अन्ना आंदोलन से निकली AAP के चरित्र ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है."
#WATCH | BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "...It is our belief that this is food for thought for people in the country who talk about experimental politics... This is not the time for experimental politics... The results of experimental politics can be dangerous for the country.… pic.twitter.com/nj6KsK2ddN
— ANI (@ANI) October 6, 2023
बीजेपी सांसद ने ये भी कहा कि ऐसा उदाहरण भारत की राजनीति में कभी नहीं देखने को मिला कि जो पार्टी मूल्यों की राजनीति स्थापित करने का दावा करके आई थी इतने कम समय में इतनी मूल्यहीन हो जाएगी. ये सिर्फ AAP के केस में देखा गया है. जो पार्टी कहा करती थी कि भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही इस्तीफा दे देना चाहिए वो गिरफ्तार होने के बाद, अदालत से छुटकारा ना मिलने के बाद भी अपने आप को कट्टर ईमानदारी का तमगा दिए बैठी है. ये देश के लोकतंत्र के लिए भी देश की जनता के लिए भी विचार करने का विषय है कि नई राजनीति का दावा करने वाले नए प्रयोग किस प्रकार के कारनामे कर दिखाते है.
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