'मेरे ऊपर से पहाड़ हटा, चैन की सांस ले रही हूं', सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिलकिस बानो ने क्या कहा?

गैंगरेप केस में दोषियों की रिहाई को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बिलकिस बानो ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस फैसले को लेकर खुशी जताई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए मामले के दोषियों की रिहाई को रद्द कर दिया. सभी 11 दोषियों को 2 हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है.

Om Pratap

Bilkis bano on supreme court judgment reversed release of convicts in gangrape case: मेरे लिए आज नए साल की शुरूआत हुई है. ऐसा लग रहा है कि मेरे ऊपर से कोई बोझ हट गया है, अब मैं आराम से चैन की सांसें ले सकतीं हूं... ये बातें बिलकिस बानो ने कही है. दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें बिलकिस बानो गैंगरेप केस के सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दौरान गुजरात हाई कोर्ट को फटकार भी लगाई और कहा कि आपको इस मामले में दोषियों को रिहा करने का कोई अधिकार नहीं है. उधर, बिलकिस ने फैसले के बाद कहा कि मेरी आंखों में आंसू हैं, ये आंसू खुशी के हैं. उन्होंने कहा कि ये डेढ़ साल में पहली बार है, जब मेरे चेहरे पर मुस्कान आई है. कोर्ट के इस फैसले के बाद मेरा न्याय पर भरोसा बढ़ गया. बिलकिस बानो ने फैसले के बाद अपनी वकील, दोस्त, पति और हर उस शख्स का शुक्रिया अदा किया, जिसने मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया.

बोलीं- दोषियों की रिहाई हुई तो मैं टूट गई थी

बिलकिस बानो ने कहा कि जब 15 अगस्त 2022 गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों को रिहा किया गया तो मैं हैरान रह गई थी. मैं डर गई थी और अंदर से टूट गई थी. लेकिन इस मुश्किल वक्त में कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने मेरा हौंसला बढ़ाया, जिसके बाद मैंने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में PIL (जनहित याचिका) दायर की. बता दें कि बिलकिस बानो की याचिका पर जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने लगातार 11 दिनों तक सुनवाई की और 12 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.  

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दोषियों की रिहाई को लेकर सवाल उठाया था और कहा था कि जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली थी, उन्हें समय से पहले कैसे रिहा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उन्हें रिहा किया गया तो ये साफ होना चाहिए कि आखिर उन्हें किस आधार पर सजा में माफी दी गई. 

विपक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई

बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विपक्ष ने भी खुशी जताई और गुजरात सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है. प्रियंका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा की महिला विरोधी नीति सामने आ गई है. कोर्ट के फैसले के बाद जनता का कोर्ट पर भरोसा मजबूत होगा. बिलकिस बानो के संघर्ष के लिए प्रियंका गांधी ने उन्हें बधाई भी दी. 

वहीं, AIMIM के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और कहा कि बिलकिस बानो का गैंगरेप हुआ, उनकी बेटी की हत्या की गई. ओवैसी ने कहा कि लोगों को याद रखना चाहिए कि दोषियों की रिहाई पर भाजपा नेताओं ने खुशी जताई थी और रिहा किए गए दोषियों को फूलों की माला पहनाई थी. 

बिलकिस बानो केस में ये हैं 11 दोषी

बिलकिस बानो केस में कुल 11 दोषी शामिल हैं. इनमें राधेश्याम शाही, जसवंत चतुरभाई नाई, केशुभाई वदानिया, बकाभाई वदानिया, राजीवभाई सोनी, रमेश भाई चौहान, शैलेश भाई भट्ट, बिपिन चंद्र जोशी, गोविंदभाई नाई, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया शामिल है.