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बिहार के सियासी खेल में कौन होगा चेकमेट, फ्लोर टेस्ट से पहले गायब हुए RLD-BJP-JDU के विधायक

Bihar Politics: बिहार में 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अब बारी विधानसभा में बहुमत साबित करने की है. कहा जा रहा है कि बहुमत साबित करने के पहले राज्य में शह मात का खेल जारी है.

Om Pratap

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में शह-मात का खेल जारी है. नीतीश कुमार के बहुमत साबित करने के पहले राजद विधायकों में टूट का दावा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि राजद के कुछ विधायक भाजपा या फिर जदयू के संपर्क में हैं. वहीं, सत्ता पक्ष यानी भाजपा अपने विधायकों में टूट के डर से उन्हें लेकर बोधगया पहुंच गई है, जबकि जदयू ने टूट की डर से डिनर डिप्लोमेसी का रास्ता अपनाया है. बता दें कि कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर पहले ही हैदराबाद चली गई थी. 

सूत्रों के मुताबिक, 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल में टूट संभव है. दावा किया जा रहा है कि राजद के एक दर्जन से अधिक विधायक लालू यादव और तेजस्वी यादव की रडार से बाहर हो गए हैं. वहीं, टूट की संभावना सिर्फ राजद में ही नहीं बल्कि भाजपा और जदयू में भी है. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के 6 और जेडीयू के कई विधायक फ्लोर टेस्ट से गायब रह सकते हैं. 

हालांकि, कहा जा रहा है कि आज राजद के विधायकों की दोपहर तीन बजे से तेजस्वी यादव के आवास पर मीटिंग होनी है. मीटिंग में कितने विधायक पहुंचते हैं, ये गौर करने वाली बात होगी. इसी से तय होगा कि क्या वाकई में राजद में कोई टूट संभव है या फिर ये सिर्फ अफवाह है. 

प्रशिक्षण शिविर के लिए बोधगया में हैं भाजपा विधायक

उधर, भाजपा अपने विधायकों में टूट की संभावना को दूर करने के लिए उन्हें लेकर आज यानी शनिवार को बोधगया पहुंची है. कहा जा रहा है कि बोधगया में भाजपा ने अपने विधायक और विधानपरिषद के सदस्यों के लिए दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया है, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण यानी ट्रेनिंग दिया जाएगा. प्रशिक्षण शिविर के बाद विधायकों को सीधा सोमवार को विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां फ्लोर टेस्ट होना है. 

जदयू ने अपने विधायकों के लिए तैयार किया लंच और डिनर 

वहीं, जनता दल यूनाइटेड ने आज यानी शनिवार को अपने विधायकों के लिए मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर लंच के लिए बुलाया है. लंच के बाद विधायक अपने-अपने घर चले जाएंगे. कल यानी रविवार को बहुमत साबित करने के एक दिन पहले सभी विधायकों को मंत्री विजय चौधरी के आवास पर डिनर के लिए बुलाए जाने की खबर है.

नीतीश कुमार ने 28 जनवरी राज्य के 9वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ लेने से ठीक पहले राज्यपाल को उन्होंने 128 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था यानी नीतीश कुमार को बहुमत के आंकड़े यानी 122 से 6 अधिक विधायकों का समर्थन है. इनमें भाजपा के 78, जेडीयू के 45, हम के चार और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं. अब नीतीश सरकार ने राज्यपाल को समर्थन पत्र तो सौंप दिया, लेकिन असली परीक्षा विधानसभा में होगी, जब बहुमत साबित करने की बारी आएगी.