Bihar Political Crisis: बिहार की सियासत पर इन दिनों देश भर की नजर टिकी हुई है. हर किसी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई है नीतीश कुमार कब इस्तीफा देकर विधानसभा भंग करने की शिफारिश करेंगे. इसी बीच अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि RJD ने अलग होकर अगर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाने पर भी सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि बीजेपी का साथ मिलने के बाद नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन वाली चिट्ठी लेकर राजभवन जाएंगे और आरजेडी के मंत्रियों को बर्खास्त कर सकते हैं.
जानकारी के अनुसार अगर बीजेपी नीतीश कुमार को समर्थन देती है तो उन्हें पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं होगी, नीतीश कुमार सीएम बने रहेंगे. बीजेपी का साथ मिलने के बाद नीतीश कुमार आरजेडी के मंत्रियों को बर्खास्त कर बिना इस्तीफा दिए सरकार बदल सकते है.
दरअसल, 2013 को भी बिहार की राजनीती में कुछ ऐसा ही देखने को मिला था. तारीख थी 16 जून जब बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश सरकार ने बीजेपी के 11 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. 2013 की घटना को देखकर ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर इसे दोहरा सकते हैं, बस अंतर इतना होगा कि इस बार RJD के मंत्रियों को बर्खास्त किया जाएगा
बिहार विधानसभा कुल 243 सदस्य वाला सदन है. बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है. बिहार में आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. इसके अलावा बीजेपी की 78 सीटें, जेडीयू की 45 सीटें, कांग्रेस की 19 सीटें, सीपीआई (एमएल) की 12 सीटें, सीपीआई (एम) और सीपीआई की दो-दो सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की चार सीटें, और AIMIM का एक, साथ ही एक निर्दलीय विधायक है. यानी, आकड़ों के अनुसार आरजेडी और बीजेपी दोनों अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकती.