Bihar Politics Crisis: बिहार में सियासी संग्राम की पिच पूरी तरह से तैयार है. आज यानी रविवार को इस संग्राम को फाइनल है. नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के सीएम बनेंगे. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गठबंधन सहयोगी और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से जुड़े मंत्रियों को बर्खास्त करेंगे. भाजपा और नीतीश कुमार की जेडीयू ने तीन महीने में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे समझौते को भी अंतिम रूप दे दिया है.
सूत्रों ने बताया कि बिहार में सभी भाजपा विधायक पहले ही नीतीश कुमार को समर्थन पत्र दे चुके हैं. इन घटनाक्रमों से संकेत मिलता है कि जेडीयू प्रमुख (जिन्होंने अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल होने के लिए भाजपा को छोड़ दिया था) ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चलाने से मुंह मोड़ लिया है.
72 वर्षीय नीतीश कुमार अपने ताजा तख्तापलट की बारीकियों पर काम करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीधी बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री आज अपने घर पर जदयू और भाजपा विधायकों के साथ दोपहर का भोजन करेंगे, जिसके बाद दोनों दलों के विधायक अपना समर्थन पत्र देने के लिए राज्यपाल के पास जाएंगे.
सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार राजद से बर्खास्त मंत्रियों की जगह भाजपा के चेहरों को शामिल कर सकते हैं. उन्होंने नीतीश कुमार के मौजूदा उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के संभावित इस्तीफे की ओर इशारा करते हुए कहा कि नए उपमुख्यमंत्री के चयन में उनकी प्रमुख भूमिका होगी. दावा ये भी किया जा रहा है कि 2025 के बाद नीतीश कुमार को केंद्र में कोई हाई-प्रोफाइल भूमिका मिल सकती है. सूत्रों ने कहा कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जो भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं, एक बार फिर उपमुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार की पसंद हैं.
राजनीति के जानकारों का कहना है कि बिहार संकट विपक्ष के I.N.D.I.A गठबंधन के लिए भी एक नाजुक समय में आया है. पंजाब और हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ सीटें शेयर करने से इनकार कर दिया है. नीतीश कुमार 2013 के बाद से भाजपा, कांग्रेस और आरएलडी के बीच इस कदर कूद पड़े हैं कि उन्हें 'पलटू राम' उपनाम मिल गया है. 2022 में भाजपा से अलग होने के बाद, उन्होंने इस साल के आम चुनाव में पीएम मोदी से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी.