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पढ़ाई छोड़कर बन गए थे नेता, अधूरा रह गया बिहार का सीएम बनने का ख्वाब, कौन थे सुशील कुमार मोदी?

Sushil Modi: सुशील कुमार मोदी बिहार में बीजेपी का संकटमोचक नेता माना जाता था. जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत करने वाले सुशील मोदी बिहार के तीन बार उप मुख्यंमत्री भी रहे.

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Edited By: India Daily Live
Sushil Modi

Sushil Modi:  बिहार के तीन बार उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का आज (13 मई) को निधन हो गया. वे गले के कैंसर से पीड़ित थे. उन्होंने दिल्ली एम्स में अपनी अंतिस सांस ली. सुशील मोदी को बिहार में बीजेपी का संकटमोचक कहा जाता था. पार्टी ने उन्हें साल 2020 में राज्यसभा भेजा था. पार्टी के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. 

बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को हुआ था. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. साल 1973 में वे पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के जनरल सेक्रेटरी बने थे. उनकी राजनीतिक गतिविधियों और जेपी आंदोलन, इमरजेंसी के समय पांच बार गिरफ्तार किया गया. इमरजेंसी के दौरान वे लगातार 19 माह तक जेल में रहे थे. 

नीतीश की सरकार में बने डिप्टी सीएम

इमरजेंसी के बाद उन्हें अखिल भारतीय विधार्थी परिषद का स्टेट सेक्रेटरी बना दिया गया. इस दौरान उन्होंने और कई अहम जिम्मेदारियां निभाई. सुशील कुमार मोदी ने छात्र जीवन में ही राजनीति में एंट्री कर ली थी. 1990 में उन्होंने पटना केंद्रीय विधानसभा से चुनाव लड़ा और यहीं से पहली बार वे विधानसभा पहुंचे. वे साल 2004 में भागलपुर से लोकसभा चुनाव जीते. 2005 में उन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया और विधान परिषद से निर्वाचित होकर नीतीश कुमार के साथ शामिल हो गए. नीतीश कुमार की सरकार में वे पहली बार बिहार के उपमुख्यमंत्री बने. 

लालू यादव के धुर विरोधी नेता 

सुशील मोदी जब पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में जनरल सेक्रेटरी बने थे तब लालू यादव उसके अध्यक्ष पद का चुनाव जीते थे. सुशील मोदी जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति के आह्वान पर आंदोलन में कूद गए थे. इस दौरान उन्होंने 19 महीने जेल में बिताए. मोदी ने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लाए गए मीसा कानून को देश के उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और इसकी दमनकारी धारा को हटवाने में कामयाब रहे थे.