BJP विधायक हार्दिक पटेल को बड़ी राहत, गुजरात सरकार ने वापस लिया राजद्रोह का केस
पाटीदार अनामत आंदोलन साल 2015 में शुरू हुआ था, जब हार्दिक पटेल ने पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की थी. इस आंदोलन ने गुजरात की राजनीति में हलचल मचाई थी और इसका असर राज्य सरकार की सत्ता पर भी पड़ा था.
गुजरात बीजेपी के विधायक हार्दिक पटेल को राज्य सरकार से बड़ी राहत मिली है. राज्य सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को वापस ले लिया है. यह मामला पाटीदार अनामत आंदोलन से जुड़ा था, जब हार्दिक पटेल और उनके साथियों के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया गया था.
पाटीदार अनामत आंदोलन साल 2015 में शुरू हुआ था, जब हार्दिक पटेल ने पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की थी. इस आंदोलन ने गुजरात की राजनीति में हलचल मचाई थी और इसका असर राज्य सरकार की सत्ता पर भी पड़ा था. आंदोलन के दौरान कई जगहों पर हिंसा भी हुई थी, जिसके बाद हार्दिक पटेल समेत अन्य नेताओं के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
2022 में बीजेपी का दामन थामा
हार्दिक पटेल ने इस आंदोलन के बाद कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था, लेकिन 2022 में उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली. इसके बाद से वह पार्टी की ओर से सक्रिय हो गए और गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए प्रचार भी किया. वर्तमान में हार्दिक पटेल अहमदाबाद जिले की वीरमगाम सीट से विधायक हैं.
गुजरात में पाटीदार अनामत आंदोलन का राजनीतिक महत्व बेहद अहम है. इस आंदोलन ने राज्य की सत्ताधारी बीजेपी को 2017 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह प्रभावित किया था. बीजेपी को इस चुनाव में महज 99 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि वह पहले लगातार चुनावों में बहुमत से जीतती रही थी. इस आंदोलन के कारण बीजेपी को पाटीदार समुदाय से नाराजगी का सामना करना पड़ा था.
हार्दिक पटेल ने क्या कहा?
राजद्रोह का मामला वापस लेने के बाद हार्दिक पटेल के लिए यह राहत की खबर है, जो राजनीतिक तौर पर अपने विरोधियों के खिलाफ एक नया मोड़ लेने की स्थिति में हैं. हार्दिक पटेल का यह कदम बीजेपी के लिए अहम हो सकता है, क्योंकि यह पार्टी की ओर से उनका राजनीतिक भविष्य और भी सशक्त बना सकता है.