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अमित शाह के बस्तर दौरे के पहले बड़ा एनकाउंटर, सुरक्षा बलों ने 7 नक्सलियों को किया ढेर

सुबह 10 बजे के आसपास पुलिस ने बताया कि तलाशी अभियान जारी है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या कोई माओवादी मारा गया है और क्या कोई हथियार पीछे छूट गया है. मुठभेड़ सुबह 10 बजे अबूझमाड़ के दक्षिणी हिस्से में शुरू हुई, जो नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा सर्वेक्षण रहित इलाका है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
bastar encounter
Courtesy: Social Media

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अबूझमाड़ के जंगलों में गुरुवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सात माओवादी मारे गए, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की. मुठभेड़ सात घंटे से ज्यादा चली. केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के पहले छत्तीसगढ़ में बड़ा एनकाउंटर हुआ है. इस एनकाउंटर में कई नक्सली घायल हुए हैं. 

सुबह 10 बजे के आसपास पुलिस ने बताया कि तलाशी अभियान जारी है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या कोई माओवादी मारा गया है और क्या कोई हथियार पीछे छूट गया है. मुठभेड़ सुबह 10 बजे अबूझमाड़ के दक्षिणी हिस्से में शुरू हुई, जो नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा सर्वेक्षण रहित इलाका है.

पुलिस ने बताया कि कोंडागांव, बस्तर , नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के साथ-साथ राज्य के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बड़ी टुकड़ी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों की मौजूदगी की सूचना पर कार्रवाई करते हुए इलाके की ओर रवाना हुई थी. जिन सात लोगों के शव बाद में बरामद किए गए, बताया जाता है कि वे पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की वर्दी पहने हुए थे, जो प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी की सशस्त्र शाखा है.

दोनों तरफ से ताबड़तोड़ गोलीबा

दरअसल बस्तर पुलिस को सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ के जंगल में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी है. जानकारी मिलने के बाद बस्तर से चार जिलों के जवानों को 10 दिसंबर को भेजा गया था. जवान जंगल में दो दिनों तक रहे. गुरुवार को जवानों की टीम पुलिस तक पहुंची और उनपर हमला किया. दोनों तरफ से ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई. करीब 6-7 घंटे तक रुक-रुक कर गोलीबारी हुई. जवानों ने जब इलाके की सर्चिंग की तो 7 नक्सलियों के शव मिले हैं. 

नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा है ऑपरेशन

इस साल सुरक्षा बलों ने 'माड़ बचाओ अभियान' के तहत अबूझमाड़ में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है और माड़ और उसके आसपास के इलाकों में 100 से ज़्यादा माओवादी मारे गए हैं. अक्टूबर में दक्षिणी अबूझमाड़ में एक बड़ी मुठभेड़ में 31 माओवादी मारे गए थे और उनके शवों के साथ हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया था. इस साल नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में अब तक 18 सुरक्षाकर्मी और 207 माओवादी मारे जा चुके हैं. नक्सली हिंसा में 67 नागरिकों की भी मौत हुई है, जिनमें से अधिकांश की हत्या पुलिस मुखबिर होने के कारण की गई और आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, सुरक्षा बलों को दूर रखने के लिए किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोटों में मारे गए.