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India Daily

नीतीश-ललन विवाद के बीच JDU में बगावत की चिंगारी? 11 MLA की गुप्त बैठक में तेजस्वी के ताजपोशी की तैयारी!

बिहार की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म है. ललन सिंह के इस्तीफे की बात के बाद एक बार फिर कयास लगने लगे हैं कि नीतीश कुमार NDA के साथ जा सकते हैं.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
 Nitish Kumar

हाइलाइट्स

  • JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक
  • दिल्ली दौरे पर सीएम नीतीश कुमार

नई दिल्ली: बिहार की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म है. सीएम नीतीश कुमार के अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. ललन सिंह के इस्तीफे की बात के बाद एक बार फिर कयास लगने लगे हैं कि नीतीश कुमार NDA के साथ जा सकते हैं. इसी बीच सियासी गलियारों से  JDU के 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग की खबरें जंगल में आग की तरह फैल गयी है. 

JDU के 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग! 

JDU के 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग की भनक सीएम नीतीश कुमार को लग गयी. जिसके बाद नीतीश कुमार ने अपने सभी घोड़े खोल दिये है. इस बीच गुरुवार यानी 28 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली आने वाले हैं. यहां वह पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. जिसके बाद उनकी ओर से कुछ बड़े ऐलान की उम्मीद है. 29 दिसंबर को JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली है. ऐसे में दिल्ली की बैठक में ललन सिंह का क्या होगा, ये अगले कुछ घंटों में साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

NDA में वापसी की भूमिका तैयार!

चर्चा की मानें तो जेडीयू के 10-12 विधायको को तोड़कर बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बनाने की रणनीति तैयार की जा रही थी, लेकिन समय रहते ये बात पता चल गई. यही वजह है कि नीतीश कुमार ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक दिल्ली में बुलाई है. जिसमें वो NDA में वापसी का ऐलान कर सकते है. 

JDU अध्यक्ष ललन सिंह इस्तीफे का कर सकते है ऐलान!

चर्चाओं की मानें तो जेडीयू के वर्तमान अध्यक्ष ललन सिंह आरजेडी के करीब हो गए हैं. जिसके बाद वो सवालों के घेरे में आ गए है. अब इस बात की चर्चा है कि JDU अध्यक्ष ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन 29 दिसंबर की बैठक में अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं. इस पर अंतिम फैसला अब सीएम नीतीश कुमार को लेना है कि ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने देना है या वह खुद इस जिम्मेदारी को संभालते है. अगर नीतीश कुमार खुद ही पार्टी की कमान संभालते है तो पहले की तरह पार्टी से जुड़े हुए सभी फैसले लेने के लिए वह आजाद होगे. ऐसे में यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या नीतीश कुमार कोई नई राह पकड़ने वाले है?