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शरद पवार गुट को बड़ा झटका, EC ने अजित पवार गुट को बताया असली NCP

चुनाव आयोग से शरद पवार गुट को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी बताया है. चुनाव आयोग का कहना है कि अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
ajit pawar Sharad pawar

नई दिल्ली: चुनाव आयोग से शरद पवार गुट को बड़ा झटका लगा है. आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी बताया है. चुनाव आयोग का कहना है कि अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार है. अपने आदेश में आयोग ने यह भी कहा है कि शरद पवार गुट को नया नाम और चुनाव चिह्न 7 फरवरी को अलॉट किया जाएगा. 

चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक दल का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है. आयोग ने शरद पवार को नई पार्टी के गठन के लिए तीन नाम देने को कहा है. ये नाम बुधवार शाम 4 बजे तक देने होंगे.  

पवार गुट के पास 40 विधायक

2023 के जुलाई  में अजित पवार NCP के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे. उन्हें बीजेपी गठबंधन सरकार में डिप्टी CM का पद मिला. शरद से बगावत के बाद अजित ने दावा किया था कि NCP का बहुमत उनके पास है. इसलिए पार्टी के नाम और सिंबल पर उनका अधिकार है. अजित ने 30 जून को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर NCP पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था. चुनाव आयोग के मुताबिक शरद पवार गुट समय पर बहुमत साबित नहीं कर सका, इसके चलते चीजें उनके पक्ष में नहीं गईं.  

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार खुद चुनाव आयोग की सुनवाई में शामिल हुए. इसके अलावा पार्टी के कई दिग्गज नेता भी इस सुनवाई में शामिल होते रहे. अजित पवार गुट के लिए कई वकीलों ने दलीलें रखीं. इनमें मुकुल रोहतगी, नीरज कौल और अभिकल्प प्रताप सिंह सहित कई वकील शामिल थे. 

कैसे तय होता है पार्टी का असली बॉस?

किसी पार्टी में फूट के बाद असली बॉस का चुनाव कैसे किया जाता है? चुनाव आयोग मुख्य रूप से तीन चीजों को देखती है. चुने हुए प्रतिनिधी किस गुट के पास ज्यादा हैं. पार्टी के  पदाधिकारी किसके पास अधिक है और किस गुट के पास संपत्तियां हैं. फैसाल आमतौर पर चुने गए प्रतिनिधियों के बहुमत के आधार पर लिया जाता है.