Mahamandleshwar Controversy: बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. उन्हें किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है. उनके साथ आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी पद से निष्कासित कर दिया गया है. यह फैसला किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास द्वारा लिया गया है.
किन्नर अखाड़े में बड़ा बदलाव
बता दें कि अजय दास ने शुक्रवार को घोषणा की कि किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा. साथ ही, जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर की नियुक्ति होगी. उन्होंने साफ किया कि अब अखाड़े में अनुशासन और परंपराओं का सख्ती से पालन किया जाएगा.
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था और उनकी जानकारी… pic.twitter.com/Tk8VaVcgTt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2025
महाकुंभ में लिया था संन्यास
वहीं ममता कुलकर्णी ने हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास ग्रहण करने की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की थी. इसके बाद संगम तट पर पिंडदान कर उन्होंने अपनी सन्यासी यात्रा की शुरुआत की थी. उन्हें किन्नर अखाड़े में 'श्री यमई ममता नंद गिरि' नाम से आध्यात्मिक पहचान दी गई थी और महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया गया था.
ममता कुलकर्णी ने क्यों अपनाया संन्यास?
बताते चले कि ममता कुलकर्णी ने संन्यास लेने के बाद समाचार एजेंसी IANS को दिए इंटरव्यू में बताया, ''मेरे भारत छोड़ने का कारण अध्यात्म था. 1996 में मेरा झुकाव अध्यात्म की ओर हुआ और उसी दौरान मेरी मुलाकात गुरु गगन गिरि महाराज से हुई. उनके आने के बाद अध्यात्म में मेरी रुचि बढ़ी और मेरी तपस्या शुरू हुई. हालांकि, मैं यह मानती हूं कि बॉलीवुड ने मुझे शोहरत दी.'' साथ ही आगे उन्होंने कहा, ''मैंने 2000 से 2012 तक ब्रह्मचर्य का पालन किया. इन 12 वर्षों में मैंने दुबई में दो बेडरूम के अपार्टमेंट में अकेले रहकर तपस्या की.''
महामंडलेश्वर बनने के बाद शुरू हुआ विवाद
जब ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया गया, तब से ही अखाड़े में विरोध के स्वर उठने लगे. कई वरिष्ठ संतों और अखाड़े के सदस्यों ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई और इसे अखाड़े की परंपराओं के खिलाफ बताया. इस विवाद के बीच किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने कठोर कदम उठाते हुए ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित करने का फैसला लिया.
अब क्या होगा आगे?
इसके अलावा आपको बता दें कि किन्नर अखाड़ा अब नए महामंडलेश्वर और आचार्य की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा. अजय दास के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि अखाड़ा अपनी परंपराओं और अनुशासन को बनाए रखने के लिए सख्त फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगा. ममता कुलकर्णी की संन्यास यात्रा विवादों में घिर गई हैं. जहां एक ओर उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग को अपनाने का दावा किया, वहीं दूसरी ओर किन्नर अखाड़े ने उन्हें अपने पद से हटा दिया. अब देखना होगा कि इस फैसले के बाद ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी क्या कदम उठाते हैं.