नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ठिकानों पर ईडी ने सोमवार (29 जनवरी) को छापेमारी की. ईडी की टीम अपने साथ हेमंत सोरेन की बीएमडब्ल्यू कार ले गई. दावा किया जा रहा है कि ये अवैध धन का उपयोग करके खरीदी गई थीं. ईडी सूत्रों के मुताबिक, ये कार बेनामी सम्पति से खरीदी गई थी. ईडी का दावा है कि हेमंत सोरेन से उनका अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है. एयरपोर्ट पर अभी भी ईडी टीम मौजूद है.
अब तक, मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए सात समन टाल चुके हैं और सूत्रों ने कहा कि वह ईडी के समन को अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. जांच टीम झारखंड भवन और उनके पिता के मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित आवास पर गयी. लेकिन सोरेन वहां भी नहीं मिले. उनका चार्टर्ड प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर ही खड़ा रहा. एजेंसी के कुछ अधिकारी देर रात तक उनके घर के बाहर डेरा डाले हुए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय से एक मेल ईडी के पास पहुंचा, जिसमें उन्हें सूचित किया गया कि वे 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे - उन्हें आवंटित समय के आखिरी दिन - रांची में उनके घर पर पूछताछ कर सकते हैं.
सूत्रों ने कहा कि सोरेन ईडी के समन को चुनौती देने के लिए कल सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. कथित भूमि सौदे के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे आखिरी बार 20 जनवरी को रांची में पूछताछ की गई थी. सूत्रों ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम या पीएमएलए के तहत, किसी भी गिरफ्तारी से पहले किसी व्यक्ति का बयान दर्ज किया जाना चाहिए, यदि सोरेन का अनुपालन संदेह में है तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि 600 करोड़ रुपये के घोटाले में सरकारी जमीन के स्वामित्व को बदलने के लिए एक "बड़ा रैकेट" शामिल है, जिसे बाद में बिल्डरों को बेच दिया गया. एजेंसी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011-बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे.
सीएम सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया है. सोरेन ने इस ‘राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित’ होने का आरोप लगाया है और दावा किया कि 31 जनवरी को या उससे पहले उनका बयान दोबारा दर्ज कराने की ईडी की जिद से दुर्भावना झलक रही है.