Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता नरेश टिकैत ने भी अब प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने का फैसला किया है. शनिवार को टिकैत ने घोषणा की कि किसान MSP की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में धरना देंगे.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित एक पंचायत को संबोधित करते हुए बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की और उनके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की.
ट्रैक्टर रैली और देशव्यापी प्रदर्शन का प्रस्ताव
बैठक के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा से (सरकार द्वारा किसानों की मांगें ना माने जाने पर) संभवत: 26 और 27 मार्च को दिल्ली के लिए ट्रैक्टर रैली निकालने को कहा गया. इसके अलावा राकेश किटैत ने 21 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी प्रदर्शन करने का भी प्रस्ताव रखा. इस पंचायत में बड़ी संख्या में हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों ने हिस्सा लिया.
किसानों और सरकार के बीच आज होनी है चौथे दौर की बातचीत
बता दें कि पंजाब के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली के लिये मार्च शुरू किया था लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हरियाणा के साथ पंजाब बॉर्डर के शम्भू और खनौरी बिंदुओं पर ही रोक लिया गया. तब से किसान इन्हीं दो बिंदुओं पर धरना दे रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच रविवार यानी आज चौथे दौर की बातचीत होनी है.
क्या हैं किसानों की मांगें
पंजाब-हरियाणा के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, कर्ज माफी, बिजली दरों में बढ़ोतरी न करना, 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाना और उनके खिलाफ हुए पुलिस केसों को वापस लेने, 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून की बहाली और 2020-21 में हुए किसानों के धरना प्रदर्शन के कारण मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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