राजनीति से दूर, पर पिता के लिए मांगते थे वोट, जानें कौन हैं LK आडवाणी के बेटे?
लालकृष्ण आडवाणी जब भाजपा अध्यक्ष थे, तब उन्होंने 1989 में अपने पालमपुर प्रस्ताव में राम जन्मभूमि आंदोलन का समर्थन किया और सितंबर 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक राम मंदिर रथ यात्रा शुरू की थी.
Bharat ratna Lal Krishna Advani: भारत में परिवारवाद की राजनीति की चर्चा आम बात है. देश के कई बड़े दिग्गज नेताओं के बेटे और बेटियां राजनीति में एक्टिव हैं. वहीं, देश में कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो अपनी राजनीतिक जीवन में टॉप पर पहुंचे, लेकिन कभी अपने बच्चों को राजनीति में नहीं उतारा. या कभी उन्हें मौका भी मिला, तो वे मौके को भुना नहीं पाए. इनमें से एक नेता लालकृष्ण आडवाणी भी हैं. दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की है. इन दिनों एलके आडवाणी और उनका परिवार चर्चा में हैं.
लालकृष्ण आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी के बारे में तो लगभग सभी लोग जानते हैं, लेकिन क्या आप उनके बेटे के बारे में जानते हैं? आपको पता है कि लालकृष्ण आडवाणी के बेटे कौन हैं, वे क्या करते हैं? चलिए हम आपको उनके बेटे के बारे में बताते हैं. एलके आडवाणी के बेटे का नाम जयंत आडवाणी है, जो पेशे से बिजनेसमैन हैं. जयंत राजनीति से दूर रहना पसंद करते हैं. प्रतिभा आडवाणी के साथ-साथ जयंत आडवाणी ने भारत रत्न देने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया है.
सिर्फ एक मौके पर पिता के साथ राजनीतिक मंच पर दिखे जयंत
जयंत आडवाणी, एलके आडवाणी और कमला आडवाणी की बड़ी संतान हैं. पिता के राजनीति के शिखर तक पहुंचने के बावजूद कभी जयंत लाइमलाइट में नहीं रहे. कुछ राजनीतिक जानकारों की मानें तो उन्हें सिर्फ एक मौका याद आता है, जब राजनीतिक फील्ड में जयंत को देखा गया था.
जानकारों के मुताबिक, 2009 के लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे. उस दौरान एलके आडवाणी गुजरात के गांधीनगर सीट से चुनावी मैदान में थे. इस चुनाव में पहली बार जयंत आडवाणी ने पिता के प्रचार की कमान संभाली और गांधीनगर में घर-घर जाकर पिता के लिए वोट अपील की. ये पहला और आखिरी मौका था, जब राजनीति के मंच पर जयंत आडवाणी को देखा गया.
#WATCH | Jayant Advani, veteran BJP leader LK Advani’s son, reacts on Bharat Ratna for his father.
He says, "...My family and I are extremely delighted on this new development. I would like to thank PM Narendra Modi for conferring this award on my father...My father's… pic.twitter.com/29FJGrm0CP
राजनीति में शामिल होने की थी इच्छा
2014 में दिए गए एक इंटरव्यू में जयंत आडवाणी ने कहा था कि वे राजनीतिक माहौल में पले-बढ़े हैं. उनमें वो सभी क्षमताएं हैं, जो एक राजनेता में होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि मैं राजनीति में आना चाहता था, लेकिन पिता को ये मंजूर नहीं था. जयंत ने बताया था कि पिता का मानना था कि अगर मैं राजनीति में आया, तो फिर उन पर वंशवाद की राजनीति का आरोप लगेगा, इसलिए मैंने राजनीति से कदम पीछे खींच लिए और अब कारोबार में सक्रिय हूं.
भारत रत्न दिए जाने पर क्या बोले जयंत?
जयंत आडवाणी ने कहा कि मुझे और मेरे पूरे परिवार का काफी खुशी है कि केंद्र सरकार ने उनके किए गए प्रयासों को महत्व देते हुए भारत रत्न देने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि मेरे पूरे परिवार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद. वहीं, आडवाणी की कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि ये सम्मान प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी दोनों को धन्यवाद. अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ मैं भारत रत्न स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है. बयान में कहा गया कि ये न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा की.
आडवाणी ने 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा समर्पण के साथ अपने देश की सेवा करने के बारे में सोचते थे और अपने जीवन को अपना नहीं बल्कि राष्ट्र से संबंधित मानते थे. उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और उनकी दिवंगत पत्नी कमला को भी याद किया.