Bengaluru ATM Attack Case: साल 2013... दिन 19 नवंबर... देश की आईटी सिटी बेंगलुरु अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी. इसी बीच एक ऐसा कांड हुआ, जिसने देशभर को झकझोर दिया. हर आम और खास का मन गुस्से से भर गया. यहां एक महिला पर एटीएम बूथ में जानलेना हमला हुआ. पैसे लूटने के लिए एक आरोपी ने 47 वर्षीय महिला को बंधक बना लिया. उसे चाकुओं से बुरी तरह घायल कर दिया. आखिर में आरोपी महिला का पर्स लेकर फरार हो गया, जिसमें मात्र 200 रुपये और एक सस्ता फोन था. जैसे ही वारदात का सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ, वैसे ही बेंगलुरु समेत पूरे देश में सनसनी फैल गई.
इसी मामले में सात साल बाद आरोपी को पकड़ कर पुलिस ने सजा दिलाई है. बेंगलुरु पुलिस की ओर से बताया गया है कि आंध्र प्रदेश के रहने वाले 35 वर्षीय कोंडप्पागिरी मधुकर रेड्डी तक पहुंचने में उन्हें तीन साल लग गए. आरोपी कई वारदातों को अंजाम देने के लिए कुख्यात था.
मामला 19 नवंबर 2013 का है. बैंक कर्मचारी ज्योति उदय हमेशा की तरह अपने काम पर जा रही थीं. तभी वे बेंगलुरु सिटी के सेंट्रल में जेसी रोड पर स्थित कॉर्पोरेशन बैंक के एटीएम से पैसे निकालने के लिए गई. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक जैसे ही वह एटीएम में पहुंचीं, वैसे ही एक आदमी उसके पीछे-पीछे आ गया. अंदर आते ही आरोपी ने शटर बंद कर दिया और चाकू निकाल लिया. जान से मारने की धमकी दी. आरोपी ने ज्योति को एटीएम से पैसे निकालने के लिए कहा, लेकिन ज्योति ने जब इससे इनकार किया तो आरोपी ने उस पर हमला कर दिया. क्रूरता से किए गए हमले में ज्योति बुरी तरह से घायल हो गईं. बाद में आरोपी ज्योति का पर्स लेकर फरार हो गया, जिसमें मात्र 200 रुपये थे.
एटीएम के अंदर से बहकर बाहर आ रहे खून को देखकर राहगीरों को वारदात के बारे में जानकारी हुई. लोगों ने अंदर जाकर देखा तो ज्योति खून से लथपथ पड़ी हुई थीं. लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने ज्योति को पहले निम्हांस और फिर बाद में केंगेरी के बीजीएस ग्लोबल अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मामले की जांच में लगे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वारदात के बाद कन्नड़ न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर जमकर इस वारदात के वीडियो वायरल हुए. वारदात को देखकर लोगों में भारी आक्रोश फैल गया. सिटी के पुलिस आयुक्त राघवेंद्र औराडकर और उनकी टीम ने गंभीरता के साथ सीसीटीवी फुटेज खंगाले. शुरुआती चरणों में पुलिस को आशंका थी कि आरोपी एक अन्य घटना से भी जुड़ा हुआ था, जिसमें आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर एक एटीएम बूथ पर गार्ड की हत्या की गई थी. हालांकि बाद में इसे खारिज कर दिया गया था.
पुलिस को इस मामले में जब कोई भी सफलता नहीं मिली तो उन्होंने संदिग्ध का एक स्केच सोशल मीडिया पर वायरल किया. साथ ही आरोपी के सिर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया. इसके बाद भी जब पुलिस को कोई सफलता नहीं तो इनाम की रकम 5 लाख रुपये कर दी गई. पुलिस की कई टीमों ने दिन रात एक करके आरोपी की तलाश की, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा. बाद में कर्नाटक पुलिस और पीड़िता ज्योति ने भी आरोपी की गिरफ्तारी की उम्मीद छोड़ दी. पुलिस का दावा है कि इस मामले की जांच में 300 पुलिस कर्मचारी लगाए गए थे.
बाद में पता चला कि आरोपी आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के थंबल्लापल्ले गांव का मूल निवासी मधुकर रेड्डी है. जो एक वांछित अपराधी है. इसे बम एक हमले के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2011 में जेल से भाग गया था. एसजे पार्क स्टेशन के इस्पेक्टर सूर्यकांत ने बताया कि रेड्डी को गिरफ्तार किया गया. वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मांड्या) थिमैया ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुलिस 10 नवंबर, 2013 को कथित तौर पर की गई एक हत्या के सिलसिले में रेड्डी की तलाश कर रही थी. पुलिस के अनुसार ज्योति पर हमला करने के नौ दिन बाद आरोपी ने एक बूढ़ी महिला की भी हत्या की थी.
जांच के बाद आरोप पत्र दायर करने वाले थिमैया के सामने चुनौती थी कि इस मामले को प्रभावी ढंग से कैसे बनाया जाए. साल 2013 में अपराध के बाद कई साल बीत चुके थे. क्लोजर रिपोर्ट भी दायर की जा चुकी थी. उन्होंने कहा कि रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद हमें सबूत हासिल करने के लिए कई लोगों के बयान दर्ज किए. इसमें सीसीटीवी फुटेज काफी महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित हुआ. 13 फरवरी साल 2019 को ज्योति ने कोर्ट के सामने लाइन में खड़े सात लोगों में से आरोपी रेड्डी को पहचान लिया. 1 फरवरी, 2021 को 65वें अतिरिक्त शहर सिविल और सत्र न्यायाधीश राजेश्वरा ने मधुकर रेड्डी को 10 साल की जेल की सजा सुनाई.