Bengal News: नेशनल इन्विस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम पर शनिवार को बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले में हमला हो गया. हमला उस वक्त हुआ, जब NIA की टीम 2022 में भूपतिनगर ब्लास्ट मामले में संदिग्धों से पूछताछ के लिए घटनास्थल पर गई थी. NIA की टीम पर हमले की घटना के बाद बंगाल की राजनीति गरमा गई है. NIA की टीम पर हमले की घटना के कुछ घंटों बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने NIA अधिकारियों पर भूपतिनगर में ग्रामीणों पर हमला करने का आरोप लगाया.
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी की टीम ब्लास्ट की एक घटना को लेकर तड़के ग्रामीणों के घरों में गई थी. दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में एक चुनावी रैली में बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमला भूपतिनगर के लोगों ने नहीं किया था, बल्कि हमला NIA की टीम की ओर से किया गया था.
ममता बनर्जी के मुताबिक, गांव की महिलाओं ने NIA की टीम पर इसलिए पलटवार किया, क्योंकि पहले NIA की टीम ने उनपर हमला किया था. ममता ने पूछा कि अगर महिलाओं पर हमला होगा तो क्या महिलाएं शांत बैठेंगी? ममता बनर्जी ने पूछा कि NIA ने आधी रात को छापा क्यों मारा? क्या उनके पास पुलिस की अनुमति थी? स्थानीय लोगों ने उसी तरह रिएक्ट किया, जैसे किसी के घर आधी रात को कोई अनजान व्यक्ति जाता है.
ममता बनर्जी ने ये भी पूछा कि चुनाव से पहले ये कार्रवाई क्यों नहीं की गई, चुनाव से ठीक पहले लोगों को क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं? भाजपा क्या सोचती है, वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार करेंगे? NIA आखिर क्यों भाजपा का समर्थन करने के लिए ये सब कर रही है. हम पूरी दुनिया से इस भाजपा की गंदी राजनीति के खिलाफ लड़ने का आह्वान करते हैं.
NIA की टीम पर हमला और फिर ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया के बाद BJP ने बंगाल की मुख्यमंत्री पर पलटवार किया. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल, ममता बनर्जी के कुशासन के तहत हमेशा की तरह अराजक बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि ED अधिकारियों पर हमले के बाद, अब एक और केंद्रीय एजेंसी पर हमला हुआ है. पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में दो TMC नेताओं को गिरफ्तार करने गई NIA अधिकारियों की टीम को निशाना बनाया गया. 100/150 ग्रामीणों ने न केवल NIA टीम को आरोपियों को गिरफ्तार करने से रोका, बल्कि उनकी गाड़ियों पर पथराव भी किया.
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के बाद अब बंगाल में NIA की टीम को निशाना बनाया गया है. शनिवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA की टीम पर उस वक्त हमला हुआ, जब केंद्रीय जांच एजेंसी पूर्वी मेदिनीपुर के भूपतिनगर पहुंची थी. NIA की टीम यहां भूपतिनगर ब्लास्ट मामले की जांच करने पहुंची थी. इस दौरान टीम ने दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया. इसी दौरान भीड़ ने NIA की टीम पर हमला कर दिया और उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ की. हमला करने वालों ने हिरासत में लिए गए दोनों लोगों को छोड़ने की मांग कर रहे थे.
3 दिसंबर 2022 को पूर्वी मिदनापुर के भूपतिनगर में एक घर के अंदर ब्लास्ट हुआ था. घटना में 3 लोगों की मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी. बाद में कोर्ट के आदेश पर NIA ने जांच की जिम्मेदारी संभाली. NIA ने ब्लास्ट केस की जांच में पूछताछ के लिए 8 तृणमूल नेताओं को कोलकाता स्थित ऑफिस में बुलाया था. लेकिन पूछताछ वाले दिन कोई शामिल नहीं हुआ. इसके बाद जिन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, उन्हें समन भी भेजा गया, इसके बावजूद वे पूछताछ में शामिल नहीं हुए.
#WATCH | West Bengal: NIA officers had to face protesters in Sandeshkhali while they were carrying out an investigation in connection with the Bhupatinagar, East Medinipur blast case. People allegedly tried to stop the NIA team from taking the accused persons along with them.… pic.twitter.com/UVoAO6uuPQ
— ANI (@ANI) April 6, 2024
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूपतिनगर ब्लास्ट की जांच के लिए NIA की एक टीम आज सुबह गांव गई थी. उनके साथ सीआरपीएफ के जवान भी थे. यहां पहुंचने के बाद NIA ने बलाई मैती और मनोब्रत जाना नाम के दो शख्स को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. इसकी जानकारी के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और दोनों को छोड़ने की मांग की. NIA की टीम ने गांव के लोगों को नजरअंदाज कर दिया और दोनों को कार में ले जाने लगी, तभी भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया. घटना की लिखित शिकायत भूपतिनगर थाने में दर्ज कराई गई है. शिकायत दर्ज करने के बाद NIA टीम कोलकाता के लिए रवाना हो गई.
ये पहला मौका नहीं है, जब केंद्रीय जांच एजेंसी पर बंगाल में हमला हुआ है. इससे पहले इसी साल जनवरी के पहले सप्ताह में संदेशखाली पहुंची ईडी की टीम पर भीड़ ने हमला किया था. केंद्रीय जांच एजेंसी शाहजहां शेख से पूछताछ करने पहुंची थी. उस दौरान संदेशखाली की महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके गुर्गों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.