पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. वहीं इस पूरे मामले पर यहां के राज्यपाल सी.वी आनंद बोस ने एक कर्मचारी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न वाले आरोप पर ममता सरकार को घेरा है. सी.वी बोस ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा यह पूरा मामला रचा गया है.
इस पोस्ट में बोस ने आगे लिखा, 'महिला कर्मचारी द्वारा शिकायत मिलते ही जांच बिठा दी गई थी. यह इनहाउस जांच एक पूर्व जज कर रहे थे. इन हाउस इंक्वायरी की जो शुरुआत रिपोर्ट थी उसमें कहा गया था कि पुलिस कार में जाने से पहले शिकायतकर्ता ने राजभवन से लगे पुलिस आउटपोस्ट में करीब दो घंटे बिताए. मजेदार बात तो यह है कि वहां तैनात पुलिसकर्मी महिला और अन्य लोगों का करीबी जान पड़ता है. ऐसा लगता है कि इन लोगों ने मिलकर राज्यपाल के खिलाफ मनगढ़ंत आरोपों की कहानी तैयार की. 2 मई 2024 के बाद अचानक फैब्रिकेटेड आरोप सामने आने लगे'.
FAQ
— Raj Bhavan Kolkata (@BengalGovernor) July 19, 2024
Q.What has been Raj Bhavan’s response to the complaint by a former employee.
Ans.
Immediately after the 02 May, 2024 fabricated allegations came to light an in-house judicial enquiry was conducted by a former Judge. In the preliminary report of the independent in-house…
बता दें कि इसी साल के मई महीने में पश्चिम बंगाल राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. तभी से इस मामले पर सियासी संग्राम मचा हुआ है. उस समय भी राज्यपाल ने इस आरोप को बेतुका नाटक बताया था. उन्होंने कहा था कि कोई भी उन्हें भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के उनके दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा. बोस ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को प्रसन्न करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्ररेति जांच करने की आड़ में राजभवन में पुलिसकर्मियों के प्रवेश पर बैन लगाने का आदेश दिया था.