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'ममता बनर्जी के इशारे पर मेरे खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप...', राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने किया पलटवार

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी आनंद बोस ने शुक्रवार को सीएम ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि राजभवन की स्टाफ के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप ममता बनर्जी की देन है. सीवी बोस ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आम लोगों की गाढ़ी कमाई के पैसे महंगे वकीलों पर उड़ाती हैं.

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Edited By: India Daily Live
cv ananda bose
Courtesy: Social Media

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. वहीं इस पूरे मामले पर यहां के राज्यपाल सी.वी आनंद बोस ने एक कर्मचारी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न वाले आरोप पर ममता सरकार को घेरा है. सी.वी बोस ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा यह पूरा मामला रचा गया है.

सोशल मीडिया एक्स पर सी.वी बोस ने पोस्ट करते हुए लिखा, 'यह एक छद्म (प्रॉक्सी)
युद्ध है जिसमें सीएम उच्च वेतन वाले वकीलों को नियुक्त करके जनता का पैसा लुटा रही है. राज्यपाल सीएम की गंदी चालों से डरने से इनकार करते हैं और उनके भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ अपनी अथक लड़ाई जारी रखेंगे'.

'ममता बनर्जी के इशारे पर मेरे खिलाफ...'

इस पोस्ट में बोस ने आगे लिखा, 'महिला कर्मचारी द्वारा शिकायत मिलते ही जांच बिठा दी गई थी. यह इनहाउस जांच एक पूर्व जज कर रहे थे. इन हाउस इंक्वायरी की जो शुरुआत रिपोर्ट थी उसमें कहा गया था कि पुलिस कार में जाने से पहले शिकायतकर्ता ने राजभवन से लगे पुलिस आउटपोस्ट में करीब दो घंटे बिताए. मजेदार बात तो यह है कि वहां तैनात पुलिसकर्मी महिला और अन्य लोगों का करीबी जान पड़ता है. ऐसा लगता है कि इन लोगों ने मिलकर राज्यपाल के खिलाफ मनगढ़ंत आरोपों की कहानी तैयार की. 2 मई 2024 के बाद अचानक फैब्रिकेटेड आरोप सामने आने लगे'.

 

राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप

बता दें कि इसी साल के मई महीने में पश्चिम बंगाल राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. तभी से इस मामले पर सियासी संग्राम मचा हुआ है. उस समय भी राज्यपाल ने इस आरोप को बेतुका नाटक बताया था. उन्होंने कहा था कि कोई भी उन्हें भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के उनके दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा. बोस ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को प्रसन्न करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्ररेति जांच करने की आड़ में राजभवन में पुलिसकर्मियों के प्रवेश पर बैन लगाने का आदेश दिया था.