60 प्लॉट, म्यूचुअल फंड में 1.34 करोड़ का निवेश, JDA इंजीनियर ने मचाई ऐसी लूट कि बन बैठा करोड़ों का मालिक

अविनाश 1994 में जेडीए में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात हुआ था. उससे पहले उसके पास कोई संपत्ति नहीं थी.  इसके बाद उसने जेडीए में ऐसी लूट मचाई कि करोड़ों का मालिक बन बैठा.

सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार किस चरम पर व्याप्त है जेडीए इंजीनियर अविनाश शर्मा ने इसकी पूरी परत खोलकर रख दी है. जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में रहते इस इंजीनियर ने इतनी संपत्ति बनाई कि एसीबी से गिनते नहीं बना रहा है. काली कमाई से अविनाश ने एक दो नहीं पूरे 60 प्लॉट खरीद लिए. उसने अपनी पत्नी, मां, बेटी, भाई, साले, साले के बेटे के नाम भी बेनामी संपत्तियां खरीदीं.

6 महीने पहले की गई थी शिकायत
एसीबी सूत्रों के अनुसार, इंजीनियर अविनाश की 6 महीने पहले शिकायत की गई थी जिसके बाद जब एसीबी ने जांच शुरू की तो एक के बाद एक परतें खुलने लगीं. अविनाश 1994 में जेडीए में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात हुआ था. उससे पहले उसके पास कोई संपत्ति नहीं थी.  इसके बाद उसने जेडीए में ऐसी लूट मचाई कि करोड़ों का मालिक बन बैठा.

पत्नी के नाम सबसे ज्यादा प्लॉट
अविनाश की पत्नी के नाम 21 प्लॉट, खुद के नाम 13, मां के नाम 10, बेटी के नाम 12, भाई के नाम 2, साले के नाम 1 और साले के बेटे के नाम 1 प्लॉट है.

14 साल से एक ही जोन में नौकरी
एसीबी की जांच में सामने आया कि  जेडीए में 20 साल की नौकरी में 14 साल उसने एक ही जोन (जोन-11) में ही नौकरी की. यहां रहते उसने जमकर लूट मचाई और करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनाई. एसीबी के सूत्रों के अनुसार, 2 दर्जन से ज्यादा कॉलोनी काटने वाले अविनाश के संपर्क में आए और फिर  साठ-गांठ कर गोरखधंधे का खेल शुरू हुआ. अविनाश इस साठ-गांठ  से इन कॉलोनियों में संपत्ति खरीदने लगा. उसने ऐसी जगहों पर संपत्तियां ली जिनके दाम तेजी से बढ़े.

यही नहीं उसने म्यूचुअल फंड में 1.34 करोड़ का निवेश कर रखा है.  एसीबी को जांच में सरकारी नौकरी से 253% आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के सबूत मिले हैं. अविनाश के ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है. अभी उसके और भी राज खुलने बाकी हैं.