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संसद में बजट पेश होने से पहले सपा सांसदों ने सदन में की जमकर नारेबाजी, अखिलेश यादव पर क्यों भड़के स्पीकर ओम बिरला?

अखिलेश यादव ने संघीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे भी अधिक आवश्यक महाकुंभ है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस संबंध में कोई आंकड़ा प्रदान नहीं कर रही है.

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Edited By: Ritu Sharma
Akhilesh Yadav
Courtesy: Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav on Budget 2025: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट 2025 को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बजट से ज्यादा जरूरी कुंभ में लापता लोगों की तलाश है, जहां अभी भी कई परिवार अपने अपनों को ढूंढ रहे हैं. अखिलेश ने कुंभ में हुई अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार लोगों की सुरक्षा को लेकर नाकाम साबित हुई है.

'बजट मायूस न करे, लेकिन कुंभ में लापता लोगों का क्या?'

आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा, ''आज बजट पेश हो रहा है, लेकिन इससे आम लोगों को निराशा नहीं होनी चाहिए. हालांकि, इससे भी अधिक जरूरी यह है कि कुंभ में लापता हुए लोगों को ढूंढा जाए.'' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर चुप्पी साधे हुए है और लापता लोगों की सूची तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है.

'बजट से ज्यादा कुंभ की घटनाएं महत्वपूर्ण'

वहीं आगे अखिलेश यादव ने कहा, ''कुंभ में हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ी, कई लापता हुए, लेकिन सरकार अब तक सही आंकड़े भी जारी नहीं कर पाई है.'' उन्होंने बताया कि कुंभ में लोग अपने परिवार के सदस्यों को तलाशते घूम रहे हैं. साथ ही आगे उन्होंने कहा, ''बेटा मां को ढूंढ रहा है, बेटा पिता को, नानी अपनी बहू को... लेकिन सरकार के पास कोई ठोस जवाब नहीं है.''

'नेताओं ने कुंभ में स्नान किया, लेकिन अव्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं'

बताते चले कि सपा अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा, ''कुंभ में मुख्यमंत्री ने कई बार डुबकी लगाई, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और अब उपराष्ट्रपति भी वहां जा रहे हैं. प्रधानमंत्री भी जाने वाले हैं. लेकिन जिस कुंभ में इतने लोग लापता हुए, वहां सरकार की कोई जवाबदेही नहीं है?'' उन्होंने आगे कहा, ''विज्ञापनों पर भारी खर्च हुआ, 40 करोड़ लोगों को बुलाने का लक्ष्य रखा गया, डिजिटल महाकुंभ हुआ, लेकिन जब लोगों की सुरक्षा का सवाल आया तो सरकार फेल हो गई.''

'कुंभ की सुरक्षा सेना के हवाले होनी चाहिए थी'

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सरकार व्यवस्थाएं नहीं संभाल सकती थी, तो इसका इंतजाम सेना को देना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल प्रचार में लगी रही, लेकिन व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं. उन्होंने कहा, ''पहली बार ऐसा हुआ कि साधु-संतों ने शाही स्नान से इंकार कर दिया, क्योंकि अव्यवस्था चरम पर थी.''

'सपा की प्राथमिकता कुंभ में लापता लोग'

इसके अलावा आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने साफ कहा कि ''बजट अपनी जगह है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कुंभ में जो लोग लापता हुए, सरकार उन्हें ढूंढने के लिए क्या कर रही है?'' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास लापता लोगों की सूची तक नहीं है और यह पूरी तरह से असंवेदनशील रवैया है. 

हालांकि, बजट 2025 को लेकर जहां सरकार इसे ''आम आदमी का बजट'' बता रही है, वहीं अखिलेश यादव ने इसे लोगों की परेशानियों से ध्यान हटाने की कोशिश करार दिया. उनका मानना है कि कुंभ में हुए हादसों की अनदेखी नहीं की जा सकती और सरकार को जल्द से जल्द लापता लोगों को खोजने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.