बंगाल ने बांग्लादेश के व्यापारियों को दिया तगड़ा झटका, इस मेले में नहीं लगा पाएंगे दुकान, पैसों का होगा भारी नुकसान!
Bangladeshi traders Bidhannagar fair Bengal: भारत और बांग्लादेश बॉर्डर पर चली रही उथल-पुथल के बीच बंगाल में लगने वाले प्रसिद्ध मेले में ढाका के व्यापारियों को एंट्री नहीं मिलेगा. मेला आयोजकों की ओर से पड़ोसी मुल्क के व्यापारियों को कहा गया है कि उन्हें आने की आवश्यकता नहीं है.
Bangladeshi traders Bidhannagar fair Bengal: कोलकाता के प्रतिष्ठित बिधाननगर मेला उत्सव 2024-25 के आयोजन में इस बार एक अनूठा बदलाव देखने को मिला है. सीमा पर जारी तनाव के कारण, बांग्लादेशी व्यापारियों से आग्रह किया गया है कि वे मेला में अपनी भागीदारी से बचें. इन व्यापारियों ने पहले ही स्टॉल बुक किए थे और एडवांस पेमेंट की थी. लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मेला आयोजकों ने रिफंड वापस करना शुरू कर दिया है. बिधाननगर मेला, जो साल्टलेक सेंट्रल पार्क में आयोजित हो रहा है, मंगलवार से शुरू होगा और 6 जनवरी तक चलेगा.
इस साल के मेला उत्सव में लगभग 500 स्टॉल लगाए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ बांग्लादेशी व्यापारियों के लिए आरक्षित थे. हालांकि, सीमा पर चल रही अशांति को देखते हुए आयोजकों ने यह निर्णय लिया है कि इन व्यापारियों को मेला में भाग नहीं लेने दिया जाएगा. एक सरकारी अधिकारी ने बताया, "बांग्लादेशी व्यापारियों की उपस्थिति से विवाद उत्पन्न हो सकता है. हम मेला में किसी प्रकार की परेशानी नहीं चाहते हैं और इसलिए हमने कुछ व्यापारियों को अग्रिम राशि वापस कर दी है. हम बाकी व्यापारियों से भी अनुरोध कर रहे हैं कि वे रिफंड स्वीकार करें और मेला में न आएं."
क्या बोले मेले के आयोजक
बिधाननगर मेला एक लोकप्रिय आयोजन है जो शहर भर के लोगों को आकर्षित करता है. यहां हर साल बांग्लादेशी व्यापारियों द्वारा ढाका साड़ी और जमदानी साड़ी जैसी प्रसिद्ध वस्त्रों के स्टॉल लगाए जाते हैं. इन व्यापारियों की भागीदारी को लेकर आयोजकों का कहना है, "इस साल भी इन व्यापारियों ने अपनी बुकिंग कर दी थी और पैसे भी दे दिए थे. लेकिन बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमने उनकी राशि वापस कर दी है और उनसे मेला में भाग न लेने की अपील की है." आयोजकों का मानना है कि यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो यह उनके लिए शर्मिंदगी और परेशानी का कारण बनेगा.
कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला में भी हो सकती है दिक्कत
इसके अलावा, यह भी खबर आई है कि कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला, जो 28 जनवरी से शुरू होने जा रहा है, में भी बांग्लादेश से प्रतिनिधित्व की संभावना कम है. हर साल इस मेले में बांग्लादेशी व्यापारी ढाका और जमदानी साड़ियों के स्टॉल लगाते हैं, लेकिन इस बार उनके शामिल होने की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं.
बिधाननगर मेला का ऐतिहासिक महत्व
बिधाननगर मेला का इतिहास भी काफी दिलचस्प है. पहले यह मेला एक एनजीओ द्वारा आयोजित किया जाता था, जब वाम मोर्चा की सरकार थी. लेकिन 2011 में बिधाननगर नगरपालिका ने इस मेले को अपने हाथों में लिया और 2015 में जब बिधाननगर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का गठन हुआ, तब से यह मेला पूरी तरह से निगम द्वारा आयोजित किया जा रहा है.