Bangladesh Violence: बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास को ध्वस्त किए जाने को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत की टिप्पणी को ‘अप्रत्याशित और अनुचित’ करार दिया है. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि यह घटना पूरी तरह से बांग्लादेश के आंतरिक मामले से जुड़ी हुई है. ऐसे में इस पर किसी अन्य देश का हस्तक्षेप उचित नहीं है.
हिंसा और आगजनी: शेख मुजीबुर रहमान का आवास नष्ट
बांग्लादेश में बुधवार रात से हिंसा की लहर दौड़ गई थी, जिसके दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका के धानमंडी स्थित शेख मुजीबुर रहमान के आवास में आग लगा दी. यह आवास बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का गवाह था और यहीं से मुजीबुर रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी. हालांकि, बाद में इस ऐतिहासिक स्थान को एक स्मारक के रूप में बदल दिया गया था.
भारत का दुख व्यक्त करना और प्रतिक्रिया
भारत ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास को ध्वस्त किए जाने पर दुख व्यक्त किया और इसे बर्बरता की घटना बताया. इस दौरान भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "यह खेदजनक है कि शेख मुजीबुर रहमान का ऐतिहासिक आवास नष्ट कर दिया गया. यह आवास बांग्लादेश के लोगों के वीर प्रतिरोध का प्रतीक था, जो कब्जे और उत्पीड़न की ताकतों के खिलाफ था.
बांग्लादेश का स्पष्ट रुख: भारतीय बयान को 'अनुचित' ठहराया
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने भारत की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि यह मामला बांग्लादेश के आंतरिक मामलों से संबंधित है और भारत की टिप्पणी अनुचित है. उन्होंने कहा, "बांग्लादेश किसी भी राज्य के आंतरिक मामलों पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी नहीं करता है और वह इसी प्रकार के आचरण की उम्मीद अन्य देशों से भी करता है.
हिंसा उस समय की हुई जब शेख हसीना अपने समर्थकों को संबोधित कर रहीं थी
इस संबंध में कहा गया है कि ये तोड़फोड़, हिंसा उस समय की गई जब शेख हसीना अपने समर्थकों को ऑनलाइन संबोधित कर रहीं थी. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, एक सोशल मीडिया पोस्ट में पहले ही कहा गया था कि अगर शेख हसीना भाषण देती हैं तो धनमंडी-32 स्थित शेख मुजीबुर रहमान के आवास की ओर “बुलडोजर जुलूस” चलाया जाएगा.
स्थानीय समयानुसार रात 10.45 बजे तक घर को गिराने के लिए एक खुदाई करने वाली मशीन लाई गई थी. रात करीब 8 बजे रैली में पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने जबरन मुख्य द्वार तोड़कर अंदर प्रवेश किया और संपत्ति में तोड़फोड़ की. जहां कई प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर दूसरी मंजिल पर चढ़कर हथौड़ों, लोहे की छड़ों और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल करके शेख मुजीबुर रहमान के चित्रों को नष्ट कर दिया और ऐतिहासिक घर के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया.