Balakot Air Strike: 6 साल पहले घर में घुसकर दुश्मनों को मारा, आधी रात में भारत ने आसमान से बरसाई थी मौत
Balakot Air Strike: भारत-पाकिस्तान के रिश्ते का सबसे खराब दिनों मे एक दिन 26 फरवरी भी है. इस दिन भारत ने पाकिस्तान को उसके तरीके से जवाब दिया था और उनके ही घर में घुसकर उन्हें मारा था. बालाकोट हमले के छठी वर्षगांठ पर आज हम फिर से उस दिन को याद करते हैं.
Balakot Air Strike: भारत के इतिहास में आज का दिन कभी ना मिटने वाला दिन है. इसी दिन भारत ने अपने ऊपर हुए हमले का हिसाब दुश्मन के घर में घुस कर लिया था. 26 फरवरी 2019 के दिन भारत ने बालाकोट हवाई हमले किए थे. आज उस खास दिन की छठी वर्षगांठ है.
भारत द्वारा बालाकोट में किया गया हवाई हमला जवाबी हमला था. इससे पहले पाकिस्तानी आतंकियों ने 14 फरवरी की सुबह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय जवानों के काफिले पर हमला कर दिया था. इस आतंकी हमले में 40 भारतीय जवान शहीद है. आइए एक बार फिर से हम उस दिन के बारे में याद करते हैं, जब भारतीय सेना ने दुश्मनों को घर में घुसकर मारा था.
40 जवानों के जान का बदला
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते के नजरिए से 26 फरवरी का दिन सबसे खराब दिनों में से एक है. क्योंकि इस बार भारत ने कोई सवाल और जवाब कर के रिश्ते को किसी भी तरीके से बचाने की कोशिश नहीं की बल्कि उनके किए कर्मों का मुंह तोड़ जवाब दिया. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के दिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का काफिला लगभग दो हजार कर्मी के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहा था. इसी दौरान अचानक एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार को काफिले के बीच घुसा दिया. जिससे एक बड़ा विस्फोट हुआ. बाद में आत्मघाती हमलावर की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में की गई थी. इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान एक साथ मारे गए. इसके अलावा कई घायल भी हुए. इस घटना को हाल के इतिहास में भारतीय सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमलों में से एक बताया जाता है.
घर में घूसकर मारेंगे
पुलवामा अटैक के बाद पूरे देश में शोक की लहर फैल गई. वहीं हर भारतीय इस हमले का जवाब ढूंढ रहे थे. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. तभी भारत सरकार ने इस हमले की जवाबी कार्रवाई की कसम खाई. जिसके बाद 26 फरवरी 2019 की सुबह लगभग 3:30 बजे 12 भारतीय वायु सेना मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने भारत के एयरबेस से उड़ान भरी. भारतीय सेना ने सीधे LOC को पार किया और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के भीतर स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक बड़े प्रशिक्षण शिविर पर धाबा बोल दिया. बालाकोट सुविधा को जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में से एक माना जाता था, जहां फिदायीन यानी आत्मघाती मिशनों के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाता था. 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार था जब भारतीय लड़ाकू विमानों ने हवाई हमले करने के लिए नियंत्रण रेखा पार की थी. पाकिस्तान वायु सेना के मौजूदगी के बाद भी भारतीय सेना ने घर में घुस कर हमला किया था.