Badlapur Case: महाराष्ट्र सरकार बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की मुठभेड़ में हुई हत्या की जांच अपराध जांच विभाग (CID) को सौंपेगी. इस बीच विपक्ष ने कथित मुठभेड़ के पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किए गए 24 वर्षीय शिंदे को सोमवार रात पुलिस ने गोली मार दी जब उसने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से पिस्तौल छीनकर उन पर गोली चलाई. यह घटना उस समय हुई जब उसे उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए मामले की जांच के लिए पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था.
सीआईडी अधिकारियों की एक टीम मुंब्रा बाईपास स्थित घटनास्थल का दौरा करेगी और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज करेगी. एनसीपी (सपा) के कलवा-मुंब्रा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने पुलिस के बयान को निराधार करार दिया है. उन्होंने कहा कि जब आसपास पांच और पुलिसकर्मी मौजूद हों तब हथकड़ी लगा हुआ आरोपी पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर कैसे छीन सकता है और उस पर गोली कैसे चला सकता है.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हथकड़ी पहने एक व्यक्ति के लिए बंदूक छीनना और पुलिस पर गोली चलाना कैसे संभव था? उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल का मालिक एक भाजपा नेता है. देशमुख ने कहा कि जब अक्षय शिंदे के दोनों हाथ बंधे हुए थे तो वह गोली कैसे चला सकता था? जिस स्कूल की बात हो रही है उसका मालिक एक बीजेपी नेता है. इस घटना को दबाने की शुरू से ही कोशिश की जा रही है और एनकाउंटर करके मामले को खत्म कर दिया गया है. इस घटना की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जानी चाहिए.
शिंदे की मां और चाचा ने सोमवार रात प्रेस कर्मियों से कहा कि यह कहना गलत है कि उसने पहले एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर उस पर गोली चलाई और बाद में पुलिस ने आत्मरक्षा में उस पर गोली चलाई. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उनसे कबूलनामे पर हस्ताक्षर कराए थे. माता-पिता ने यह भी दावा किया कि अक्षय ने उन्हें बताया था कि पुलिस हिरासत में उसकी पिटाई कर रही थी. अक्षय की मां ने दावा किया कि उनका बेटा पटाखे फोड़ने और सड़क पार करने से डरता था. वह पुलिसकर्मियों पर गोली कैसे चला सकता है?