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हाथरस भगदड़ पर साकार हरि बाबा और प्रशासन आमने-सामने, जानें कौन बता रहा किसकी गलती

मंगलवार 2 जुलाई को हाथरस के फुलरई गांव में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. अब इस हादसे को लेकर बाबा नारायण साकार हरि का पहला बयान सामने आया है. वहीं डीएम ने कहा कि कार्यक्रम की अनुमति एसडीएम ने दी थी लेकिन आयोजकों ने केवल 80 से 90 लोगों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी.

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Edited By: India Daily Live
 Hathras stampede incident
Courtesy: SOCIAL MEDIA

 Hathras Stampede Incident: मंगलवार 2 जुलाई को हाथरस के फुलरई गांव में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में घायल हुए सैकड़ों लोगों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सत्संग खत्म होने के बाद जैसे ही लोग अपने घर जाने के लिए उठे वहां भगदड़ मच गई. मरने वालों में 100 से ज्यादा महिलाएं और आधा दर्जन बच्चे शामिल हैं. यह हादसा इतना भीषण था कि इसकी गूंज विदेशों में भी सुनाई दी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हादसे में मरने वालों के प्रति सांत्वना व्यक्त की. वहीं जापान ने भी इस हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया है.

पुलिस ने दर्ज किया बाबा के मुख्य सेवादार के खिलाफ केस

इस हादसे को लेकर राजनीति माहौल गर्म है. बाबा नारायण हरि और प्रशासन आमने सामने आ गए हैं. एक तरफ जहां पुलिस ने इस मामले में बाबा नारायण साकार हरि के मुख्य सेवादार समेत अन्य आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बाबा के मुख्य सेवादार और आयोजकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105,110, 126(2), 223 और 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि इस एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है. वहीं बाबा ने इस हादसे का ठीकरा कुछ असामाजिक तत्वों पर फोड़ा है. 

हादसे को लेकर सामने आया बाबा का पहला बयान

बाबा ने इस हादसे के पीछे असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है. एक बयान जारी करते हुए बाबा ने कहा, 'यह भगदड़ कुछ असामाजिक तत्वों के कारण हुई. मैंने इस पर आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह को अधिकृत किया है.' बाबा ने आगे कहा, 'मैं हादसे में मरने वाले लोगों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और परमात्मा से घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.' इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में साजिश की आशंका जताते हुए इस मामले की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच शुरू की जाएगी और हाथरस भगदड़ की घटना में घायलों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात के बाद चूक के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा. 

80 लोगों के शामिल होने की मांग गई अनुमति
डीएम आशीष कुमार ने इस हादसे को लेकर कहा था कि समागम के दौरान जब उमस ज्यादा होने लगी तो लोग वहां से निकलने लगे. उसी समय यह हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि समागम की अनुमति एसडीएम ने दी थी लेकिन आयोजकों को केवल 80 से 90 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी जबकि समागम में शामिल हुए लोगों की वास्तविक संख्या बहुत ज्यादा थी.