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India Daily

शिवपाल सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलाने की घटना को सही ठहराया, जानें 1990 में क्या हुआ था?

Shivpal Yadav on Kar Sevak Firing: शिवराज सिंह ने अयोध्या में 1990 में कारसेवकों पर गोली चलाने की घटना को सही ठहराया है. सपा नेता ने कहा कि संविधान की रक्षा करने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई गई.

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Edited By: Purushottam Kumar
shivpal yadav

हाइलाइट्स

  • 1990 में कारसेवकों पर चली गोलियां
  • 'कोर्ट के आदेश का पालन किया'

Shivpal Yadav on Kar Sevak Firing: अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे बयानबाजी भी तेज हो रही है. इस बीच शिवराज सिंह यादव का एक बयान सामने आया है. शिवराज सिंह ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने की घटना को सही ठहराया है. सपा नेता शिवराज सिंह यादव ने कहा कि संविधान की रक्षा करने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई गई थी.

आदेश का पालन किया गया था- शिवपाल

दरअसल, 1990 में अयोध्या में सपा सरकार के शासन में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थी. शिवराज सिंह यादव का कहना है कि सपा सरकार ने उस समय कोर्ट के आदेश का पालन किया था. कोर्ट ने उस समय कहा था कि 'जस का तस' वाली स्थिति रखी जाए. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि कोर्ट का आदेश स्थिति को जस का तस रखने की थी. इसी दौरान कारसेवकों ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जिसके बाद गोलियां चलाई गईं. 

बीजेपी के लोग झूठ बोलते हैं- शिवपाल

शिवपाल सिंह यादव ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि 1990 में कोर्ट के आदेश का पालन हुआ था और संविधान की रक्षा की गई थी. शिवपाल सिंह ने आगे कहा कि बीजेपी के लोग झूठ बोलते हैं. इन लोगों ने कोर्ट स्टे के बावजूद भी विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) को तोड़ा था. इसके बाद कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए और यथास्थिति बनाए रखने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कारसेवकों पर हुई फायरिंग को सही ठहराया था. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि 1990 में सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था.

साल 1990 में अयोध्या में क्या हुआ था

ये घटना है साल 1990 में जब प्रदेश में सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. अयोध्या में उस समय राम भक्तों की भारी भीड़ पहुंचने लगी थी. उस समय अयोध्या में कर्फ्यू लागाया गया था और बाबरी मस्जिद से 1.5 किलोमीटर दूर तक पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी. इसी दौरान कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई थी और पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं.